जीएसटी नेटवर्क का ऑडिट कैग के जिम्मे : वित्त मंत्री
नयी दिल्ली : अप्रत्यक्ष करों की नयी प्रणाली वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को चलाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का पूरा नेटवर्क उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीएसटी नेटवर्क के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा इसकी लेखापरीक्षा की जायेगी. ये […]
नयी दिल्ली : अप्रत्यक्ष करों की नयी प्रणाली वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को चलाने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का पूरा नेटवर्क उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीएसटी नेटवर्क के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा इसकी लेखापरीक्षा की जायेगी.
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स्वामी जीएसटीएन के इक्विटी ढांचे को लेकर बार बार एतराज व्यक्त करते रहे हैं. स्वामी ने मौजूदा इक्विटी ढांचे के तहत जीएसटीएन को संदेहास्पद संगठन बताया और कहा कि इसमें ‘बड़ा सुरक्षा खतरा’ है. जेटली ने सीएनबीसी टीवी18 से कहा, ‘जीएसटीएन का जो मौजूदा ढांचा है उसके बारे में फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने किया था, उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे. मैंने खुद पूरे ढांचे की समीक्षा की है और मुझे इसमें असहमति की कोई वजह नजर नहीं आती है.’
उन्होंने कहा कि जीएसटीएन को हर महीने बड़ी संख्या में चालान का मिलान करना है इसलिये उसका आईटी नेटवर्क काफी सक्षम होना चाहिये. जेटली ने जीएसटीएन पर कहा, ‘एक सरकारी संगठन… क्या ऐसा करने में सक्षम होगा, क्या कोई सरकारी संगठन बाजार के अनुरुप वेतन पर सबसे अच्छे आईटी विशेषज्ञों की सेवाएं ले सकता है.’
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इन बातों को ध्यान में रखते हुये जीएसटीएन का इक्विटी ढांचा बनाया गया है जिसमें 49 प्रतिशत इक्विटी केंद्र और राज्य सरकारों के पास होगी और शेष 51 प्रतिशत इक्विटी कुछ जिम्मेदार संस्थानों जैसे कि एलआईसी हाउसिंग, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, एचडीएफसी बैंक और ऐसे ही कुछ अन्य संस्थान शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार तकीनीकी रूप से जीएसटीएन को अच्छे आईटी विशेषज्ञों को रखने के मामले में कुछ लचीलापन मिलेगा. आप यदि सरकारी संगठन होंगे तो वेतन ढांचे को लेकर समस्या खड़ी हो सकती है, आपको सरकारी ढांचे के अनुरुप वेतन रखना होगा और फिर आपको नुकसान उठाना पड़ेगा’ जेटली ने कहा कि जीएसटीएन का सीईओ सरकार नियुक्त करेगी और उसका हर फैसला सरकार के सकारात्मक मत के साथ ही आगे बढ़ेगा. इस प्रकार सरकार को इसमें वीटो का अधिकार होगा. इसके बोर्ड में भी ज्यादातर नियुक्तियां सरकार द्वारा की जायेंगी.
उन्होंने कहा, ‘और अब मैंने स्पष्ट कर दिया है और आदेश जारी कर दिया है कि कैग जीएसटीएन का ऑडिट करेगा.’ जीएसटीएन ने इससे पहले कैग से ऑडिट कराये जाने को लेकर एतराज जताया था. इसमें जीएसटीएन के अपने खातों, जीएसटी के कर आंकड़ों और जीएसटीएन के आईटी ढांचे को लेकर मुख्य मुद्दा था. उन्होंने कहा, ‘सरकार को वीटो का अधिकार होगा. इसके बोर्ड में सरकार का बहुमत होगा. सरकार सीईओ की नियुक्ति करेगी, कैग का ऑडिट होगा और तकनीकी रूप से आप ढांचे को कुछ लचीला रखेंगे, इससे जीएसटीएन को अच्छे विशेषज्ञों को रखने की आजादी होगी.’
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