प्रधानमंत्री मोदी की कैशलेस मुहिम को झटका : मोबाइल फोन से पैसे ट्रांसफर पर शुल्क वसूलेंगे बैंक
मुंबई : UPI, यानी यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर बैंकों ने P2P, यानी पर्सन टू पर्सन भुगतान शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है. स्टेड बैंक आॅफ इंडिया (एसबीआई) ने 1 जून से यह शुल्क लेना शुरू कर दिया है, तो वहीं एचडीएफसी बैंक इसे 10 जुलाई से शुरू करने जा रहा है. देश का दूसरा […]
मुंबई : UPI, यानी यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर बैंकों ने P2P, यानी पर्सन टू पर्सन भुगतान शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है. स्टेड बैंक आॅफ इंडिया (एसबीआई) ने 1 जून से यह शुल्क लेना शुरू कर दिया है, तो वहीं एचडीएफसी बैंक इसे 10 जुलाई से शुरू करने जा रहा है. देश का दूसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक- एचडीएफसी बैंक ने 10 जुलाई से यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने पर शुल्क लगाने का फैसला किया है.
कैशलेस इकोनॉमी की जरूरत
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद देश में कैशलेस इकोनॉमी की लहर दौड़ पड़ी थी. इस लहर में कई सारे डिजिटल पेमेंट मोबाइल ऐप्स सामने आये. इन ऐप्स की लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने भी भीम ऐप लांच कर दिया. भीम ऐप को लांच करने के पीछे सरकार का मकसद साफ था कि फंड ट्रांसफर में तेजी लायी जाये और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिले. इसी दौरान सरकार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भी लांच किया. इसे लेकर कानून बने और सभी बैंकों को निर्देश दे दिया गया. निर्देश के मुताबिक, कई बैंकों ने अपना यूपीआई ऐप भी लांच किया. इस यूपीआई सर्विस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि फंड ट्रांसफर करने में किसी तरह का चार्ज नहीं लगता है, लेकिन यह आजादी अब खत्म होने वाली है.
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25,000 रुपये तक के भुगतान पर 3 रुपये और टैक्स
हालांकि अभी किसी अन्य सरकारी या निजी बैंक की ओर से शुल्क लगाने की खबर नहीं है, लेकिन यह माना जा रहा है कि स्टेट बैंक और एचडीएफसी के बाद जल्द ही दूसरे बैंक भी यूपीआई पर चार्ज लगा सकते हैं. यूपीआई पर शुल्क लगाने के संबंध में एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को ई-मेल भेजा है. इसमें कहा गया है कि एचडीएफसी 10 जुलाई से यूपीआई से किये गये भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क लगाने जा रहा है. ई-मेल में यूपीआई से फंड ट्रांसफर पर लगने वाले शुल्क की जानकारी दी गयी है. मेल में दी गयी जानकारी में बताया गया है कि 1 रुपये से 25,000 रुपये तक के भुगतान के लिए ग्राहक को 3 रुपये और टैक्स देना होगा. वहीं 25,001 से एक लाख रुपये तक के भुगतान के लिए 5 रुपये और टैक्स का भुगतान करना होगा.
जानें क्या बला है यूपीआई
यहां यह जानना जरूरी है कि यूपीआई दो बैक अकाउंट्स के बीच मोबाइल के जरिये पैसे का आदान-प्रदान करानेवाला मोबाइल ऐप है. लगभग सभी बैंकों के अपने यूपीआई ऐप हैं. इसका फायदा यह है कि पैसा ट्रांसफर करने के लिए अकाउंट डिटेल की जरूरत नहीं होती है. यूपीआई के जरिये सिर्फ मोबाइल नंबर के माध्यम से पैसे भेजे जा सकते हैं. हालांकि यह तभी संभव है, जब आपका बैंक अकाउंट आधार नंबर से लिंक हो. इसकी मदद से बैंक खाताधारक किसी भी बिल का भुगतान कर सकते हैं और खरीदारी भी कर सकते हैं.
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