GST की पाठशाला में समझें टैक्स का गणितः खाने-पीने वाली चीजें हो जायेंगी 5 फीसदी सस्ती

नयी दिल्लीः सरकार ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जाने के बाद खाद्यान्न, आटा, दूध, सब्जियां और फल पांच फीसदी तक अधिक सस्ते हो जायेंगे. सरकार ने अनाज, दालों, आटा, मैदा और बेसन को जीएसटी के दायरे से दूर रखा है. जीएसटी एक जुलाई से लागू होने जा रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2017 10:59 AM

नयी दिल्लीः सरकार ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जाने के बाद खाद्यान्न, आटा, दूध, सब्जियां और फल पांच फीसदी तक अधिक सस्ते हो जायेंगे. सरकार ने अनाज, दालों, आटा, मैदा और बेसन को जीएसटी के दायरे से दूर रखा है. जीएसटी एक जुलाई से लागू होने जा रहा है. दूध, सब्जियां, फल, पके चावल, नमक, जैविक खाद, पशु चारे, जलावन की लकड़ी, कच्चे रेशम, ऊन, हस्तचालित औजार भी नयी कर व्यवस्था में शून्य दर लगेगी. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन जींसों पर कोई जीएसटी कर नहीं लगने से उनमें से ज्यादातर चीजें अपने वर्तमान दामों की तुलना में करीब चार-पांच फीसदी तक सस्ती होने की संभावना है. हालांकि, ब्रांडवाले खाद्यान्नों एवं रजिस्टर्ड ट्रेडमार्कवाले आटे पर जीएसटी के तहत पांच फीसदी टैक्स लगेगा.

20 लाख से कम बिक्री पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं

प्रश्न : मैं एयरटेल का डिस्ट्रीब्यूटर हूं. मुझे हर माह 20 लाख के सेल पर 1.25 प्रतिशत कमीशन मिलता है. क्या मेरे लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा?

-राजेश सिंह

उत्तर : हां, रजिस्ट्रेशन जरूरी है.

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प्रश्न : मेरी जूते की दुकान है. मैंने सीएसटी-वैट का रजिस्ट्रेशन कराया है. मेरा 10 लाख से नीचे का टर्नओवर है. क्या मेरे लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूरी है. क्या मासिक, तिमाही या वार्षिक रिटर्न जमा कर सकता हूं.

-अमरनाथ चौधरी

उत्तर : अगर आपका टर्न ओवर 20 लाख से नीचे है, तो आपको जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं है. हालांकि आपको खरीदारी पर लगे टैक्स का लाभ नहीं मिलेगा.

प्रश्न : अगर कोई फर्म, कंपनी या फिर शोरूम कार रिपेयरिंग के लेबर चार्ज पर सर्विस टैक्स काटती है, एवं सर्विस टैक्स का पेमेंट कर उसका रिटर्न (6 महीने पर) सबमिट कर रही है, वो फर्म अब जीएसटी में कैसे उस सर्विस टैक्स को काटेगी या फिर उसका रिटर्न सबमिट करेगी?

-मिलन कुमार

उत्तर : जीएसटी लागू होने के बाद से सर्विस टैक्स और वैट नहीं लगेगा. इसके बदले जीएसटी ही लिया जायेगा. कर भुगतान मासिक होगा और रिटर्न भी मासिक भरा जायेगा. सभी बिक्री और सेवा प्रावधान के लिए रिटर्न अगले महीने के 10 तारीख तक भरा जायेगा. सभी खरीद व आवक सेवाओं को अगले महीने के 15 तारीख तक भरना होगा. अंतिम रिटर्न अगले महीने के 20 तारीख तक जमा किया जायेगा.

कम समय के लिए सोने की मांग पर पड़ेगा असर

दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ता बाजार में जीएसटी का शुद्ध रूप से प्रभाव सकारात्मक होगा. हालांकि, अल्पकालीन चुनौतियां होंगी, जो न केवल मांग को प्रभावित करेंगी बल्कि विनिर्माताओं और रिटेलर्स की कार्यशील पूंजी और पुनर्चक्रमण कारोबार पर भी असर डालेंगी. यह कहना है वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का. सरकार जीएसटी एक जुलाई से जीएसटी लागू कर रही है. फिलहाल स्वर्ण आभूषणों पर टैक्स 12.2 प्रतिशत है. इसकी जगह जीएसटी के तहत तीन प्रतिशत कर लगेगा. यह आयात शुल्क के अलावा है.

जनता को जागरूक करें जनप्रतिनिधि: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के बारे में व्यापक जागरूकता प्रसारित करने के लिए सांसदों और विधायकों से समर्थन मांगा. विभिन्न दलों के अध्यक्षों को लिखे पत्र में जेटली ने जीएसटी को वास्तविक रूप देने के लिए उनके सहयोग और योगदान के लिए धन्यवाद दिया. जेटली ने कहा कि जीएसटी कर के ऊपर कर के प्रभाव को खत्म करेगा. इससे खासकर जरूरी उपभोक्ता सामान की कीमतों में कमी आयेगी, इससे आम लोगों को राहत मिलेगी.

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