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टाटा मोटर्स में ”बॉसगिरी” का जमाना खत्म : समाप्त किये गये 10,000 पदनाम

नयी दिल्ली : जी हां! देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स में अब कोई ‘बॉस’ नहीं होगा. राजस्व के मामले में देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स ने अपने सभी कर्मचारियों के पदनाम को समाप्त करने का ऐलान किया है. अंगरेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा कंपनी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2017 9:18 PM

नयी दिल्ली : जी हां! देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स में अब कोई ‘बॉस’ नहीं होगा. राजस्व के मामले में देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स ने अपने सभी कर्मचारियों के पदनाम को समाप्त करने का ऐलान किया है.

अंगरेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा कंपनी के अंदर रचनात्मक माहौल पैदा करने और टीम वर्क को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. कंपनी का कहना है कि इससे समानता को बढ़ावा मिलेगा.

ये पद समाप्त होंगे
कंपनी ने जिन पदों को समाप्त करने का फैसला किया है,उनमें जनरल मैनेजर, सीनियर जनरल मैनेजर, डेप्युटी जनरल मैनेजर, वाइस प्रेसिडेंट, सीनियर वाइस प्रेजिडेंट जैसे महत्वपूर्ण पद भी हैं. बुधवार को जारी एक सर्कुलर के माध्यम से टाटा मोटर्स ने अपने कर्मचारियों को यह जानकारी दी है.

मैनेजर्स को ‘टीम हेड’ का दर्जा
कंपनी ने अपने कर्मचारियों को जारी किये गये सर्कुलर में कहा कि इस कदम से वहपदनामऔर पदानुक्रम की विचारधारा से मुक्त हो सकेंगे. कंपनी के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि इससे टाटा मोटर्स के 10,000 कर्मचारी प्रभावित होंगे. नयी व्यवस्था के तहत टीम के सभी मैनेजर्स को ‘हेड’ का दर्जा दिया जायेगा. उनके नाम के बाद उनके विभाग का नाम दिया जायेगा, यानी मैनेजर्स अब एक तरह से टीम हेड कहे जायेंगे. इसके अलावा, सबसे निचले स्तर पर काम करने वाले एंप्लॉयीज के नाम के साथ उनका विभाग जुड़ा होगा.

कर्मचारियों से ज्यादा पदों की संख्या
टाटा मोटर्स ही नहीं, बीते कुछवर्षों में कई ऐसी कंपनियां हैं, जिन्होंने वरिष्ठता क्रम को 14 स्तरों के बजाय 5 स्तरों तक ही सीमित कर दिया है. इकोनॉमिक टाइम्स ने टाटा मोटर्स में चीफ एचआर गजेंद्र एस चंदेल को कोट करते हुए लिखा है, एंप्लॉयीज से ज्यादा संख्या पदों की हो चुकी थी. इसलिए फंक्शन की इस विसंगति को हमने समाप्त करने का फैसला लिया. कंपनी को उम्मीद है कि इस फैसले से उसे कार्य संस्कृति सुधारने में मदद मिल सकेगी.

साणंद के श्रमिकों के साथ वेतन समझौता
वहीं, टाटा मोटर्स ने अपने साणंद गुजरात संयंत्र के श्रमिकों के साथ लंबित वेतन विवाद को निबटाने के लिए एक समझौता किया है. इसके तहत उसके प्रत्येक स्थायी कर्मचारी को अगले पांच साल में 16,000 रपये की वेतन बढ़ोतरी मिलेगी. यह वृद्धि हर साल बराबर मात्रा में की जायेगी.

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