नयी दिल्ली :देश के 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि शायद आज की कैबिनेट में 7वें वेतन आयोग के HRA सहित अन्य अलाउंसेस के मुद्दे पर सरकार कोई फैसला ले, लेकिन उनके लिए निराशा भरी खबर आयी है क्योंकि आज की बैठक में यह मुद्दा नहीं उठाया गया. यह बात बैठक से पहले ही साफ हो गयी थी क्योंकि वित्तमंत्री अरुण जेटली विदेश यात्रा पर हैं, ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी में इतना बड़ा फैसला किया जाना संभव नहीं था. गौरतलब है कि वेतन आयोग लागू करने के लिए बनायी गयी लवासा समिति अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज चुकी है. इसलिए केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार जल्द ही इस पर फैसला कर सकती है.
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वेतन आयोग में कर्मचारियों के भत्तों में कुछ बदलाव किये गये हैं जिसके अनुसार, 52 तरह के भत्ते बंद कर 36 नये भत्ते लागू करने की सिफारिश की गयी है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि नोटबंदी के बाद सरकार के पास नगदी की कमी हो गयी है. यही वजह है कि सरकार 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने में हिचक रही है.
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गौरतलब है कि सरकार ने सभी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2017 से बढ़ी हुई सैलरी देने का वादा किया है. जिस कारण सरकारी खजाने पर काफी बोझ पड़ने की बात कही जा रही है. उधर, केंद्रीय कर्मचारियों की यूनियन केंद्र सरकार पर दबाव बना रही हैं और वेतन आयोग की सिफारिशें जल्द लागू करने की डिमांड लगातार कर रही है.
इतना ही नहीं यूनियनों ने जल्द ही सिफारिशे लागू ना होने के स्थिति में हड़ताल पर जाने की बात तक कह डाली है.
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