Loading election data...

GST: म्यूचुअल फंड्स कंपनियों ने बाजार में उतारी नयी इक्विटी स्कीम्स

नयी दिल्लीः देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने में अभी चार दिन बाकी हैं, लेकिन उसके पहले अधिक से अधिक लाभ कमाने आैर भविष्य में इस प्रक्रिया को जारी रखने के लिए म्यूचुअल फंड कंपनियों ने बेहतर निवेश के लिए अभी से ही विशेष नयी इक्विटी स्कीम्स को बाजार में उतार दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2017 1:49 PM

नयी दिल्लीः देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने में अभी चार दिन बाकी हैं, लेकिन उसके पहले अधिक से अधिक लाभ कमाने आैर भविष्य में इस प्रक्रिया को जारी रखने के लिए म्यूचुअल फंड कंपनियों ने बेहतर निवेश के लिए अभी से ही विशेष नयी इक्विटी स्कीम्स को बाजार में उतार दिया है. नयी इक्विटी स्कीम्स को लेकर म्यूचुअल फंड्स कंपनियों की आेर से कहा जा रहा है कि एक जुलार्इ से देश में नये टैक्स सिस्टम के आने के बाद बाजार में बेहतर निवेश के मौके तलाशे जा सकेंगे. इसके साथ ही, उनका यह भी कहना है कि बाजार में पेश की गयी नयी इक्विटी स्कीम्स से उनके पोर्टफोलियो में बहुत अधिक नुकसान भी नहीं हो सकेगा.

इस खबर को भी पढ़ेंः GST: आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होते ही बढ़ीं दिक्कतें, आनन-फानन में सरकार ने टाला TDS और TCS

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड और बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड ने ऐसी इक्विटी स्कीम्स लॉन्च की है. ये साढ़े तीन साल तक की मैच्योरिटी वाली क्लोज एंडेड स्कीम्स हैं. बिड़ला सनलाइफ रिसर्जेंट इंडिया फंड, सीरीज 4 ऐसी कंपनियों में निवेश करेगा, जिन्हें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने से अगले तीन साल में फायदा होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद संगठित क्षेत्र की कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी.

इस खबर को भी पढ़ेंः GST से पहले रॉयल इनफील्ड ने घटाये 2300 रुपये तक दाम

इस बारे में बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड के सीईओ ए बालसुब्रमण्यम कहते हैं कि नोटबंदी के बाद जीएसटी लागू होने से देश की आर्थिक वृद्धि तेज होगी और कंपनियों की लाभ में सुधार होगा. इससे कई कंपनियों की री-रेटिंग हो सकती है. निवेशकों के लिए कुछ क्षेत्रों में निवेश का शानदार मौका बन सकता है, जिनको बदलाव से फायदा होने की उम्मीद है.

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू फंड सीरीज 15 में बुनियादी ढांचा और कॉन्ट्रेरियन स्टॉक्स (खासतौर पर कंपनियों को कर्ज देने वाले बैंक, आईटी और फार्मा) होंगे, जबकि एचडीएफसी इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड सीरीज 2 का फोकस जीएसटी बेनेफिशियरीज के अलावा कॉरपोरेट बैंक और कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल में रिकवरी पर होगा. इन थीम्स के अलावा, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के एनएफओ में उन निवेशकों की दिलचस्पी हो सकती है, जिन्हें बाजार महंगा लग रहा है और जो अधिक उतार-चढ़ाव के डर से निवेश नहीं कर रहे हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version