आधी रात के बाद से हरेक निर्माण पर रियल एस्टेट को देना होगा 18 फीसदी ब्याज

नयी दिल्लीः आज आधी रात के बाद से देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जायेगा. इसके साथ ही निर्माण क्षेत्र से जुड़े रियल एस्टेट लोगों को आधी रात के बाद से ही बढ़ी दरों के मुताबिक 18 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा. अब तक रियल एस्टेट के लोगों को हरेक निर्माण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2017 9:38 AM

नयी दिल्लीः आज आधी रात के बाद से देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जायेगा. इसके साथ ही निर्माण क्षेत्र से जुड़े रियल एस्टेट लोगों को आधी रात के बाद से ही बढ़ी दरों के मुताबिक 18 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा. अब तक रियल एस्टेट के लोगों को हरेक निर्माण पर 12 फीसदी ब्याज का भुगतान करना पड़ता है. सरकार ने निर्माण क्षेत्र पर जीएसटी की दर को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही, देनदारी की गणना से जमीन के मूल्य को हटा दिया है. केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने केंद्रीय जीएसटी, आईजीएसटी के लिए कर दरों को अधिसूचित करते हुए यह दर और इसकी गणना का तरीका बताया है.

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बसों में सफर करना भी हो जायेगा महंगा

इतना ही नहीं, सरकार ने बसों पर 28 फीसदी की जीएसटी दर के ऊपर 15 फीसदी उपकर लगाने का फैसला किया है. इससे सार्वजनिक परिवहन वाहन भी लग्जरी कारों व हार्इब्रिड वाहन वाले कर दायरे में आ गये हैं. वाहन कंपनियों का कहना है कि उपकर से बसें महंगी हो सकती हैं और इससे सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हो सकता है. वित्त मंत्रालय की ताजा अधिसूचना के अनुसार, 10 या इससे अधिक व्यक्तियों के परिवहन के काम आने वाले वाहनों पर 15 प्रतिशत सेवा कर क्षतिपूर्ति उपकर लगेगा.

वाहन क्षेत्र की कंपनियों को 28 फीसदी के उपकर का करना होगा भुगतान

वित्त मंत्रालय की आेर से जीएसटी के तहत लगाया जाने वाला 15 फीसदी का यह उपकर 28 फीसदी की अधिकतम कर दर के ऊपर ही होगा. इस तरह से कुल कर दर 43 फीसदी बैठती है. बसों पर इस समय कुल कर 27.8 फीसदी कर लगता है. वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने संपर्क करने पर कहा कि इस कदम से सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.

आज आधी रात से कम से कम इनकी कीमतों में हो जायेगा बदलाव

जीएसटी पर केंद्र तथा राज्यों के अधिकार प्राप्त मंच ने 66 तरह की वस्तुओं और मदों पर पहले निर्धारित कर की दरों में संशोधन कर उन्हें कम रखने का निर्णय किया है. इन मदों में अचार, मुरब्बा और मस्टर्ड सॉस जैसे खाने के उत्पाद तथा 100 रुपये मूल्य तक के सिनेमा टिकट शामिल हैं.

66 चीजों के दामों को किया गया है कम

हाइब्रिड कारों पर जीएसटी दर की समीक्षा के मुद्दे पर पूर्व में जारी विस्तृत पत्र पर राज्यों की टिप्पणी पर विचार करने के बाद निर्णय किया जायेगा. जीएसटी परिषद की 16वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, जीएसटी परिषद को 133 जिंसों के लिए अनुरोध मिला था. इनमें से 66 जिंसों पर कर की दरें कम कर दी गयी हैं.

सौ रुपये से कम के सिनेमा टिकट पर 18 फीसदी जीएसटी

जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार, सौ रुपये या उससे कम के सिनेमा टिकट पर 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इससे ऊपर के मूल्य के पर कर की दर पहले के निर्णय के अनुसार 28 प्रतिशत बनी रहेगी. अचार, मस्टर्ड सॉस तथा मुरब्बा जैसे खाद्य वस्तुओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जबकि पहले इस पर 18 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव था. साथ ही काजू पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.

75 लाख तक के कारोबार करने वालों को विकल्प चुनने की सुविधा

यह भी निर्णय किया कि 75 लाख रुपये तक के कारोबार वाले व्यापारी, विनिर्माता और रेस्तरां मालिक एक कंपोजीशन (एकमुश्त) योजना का विकल्प चुन सकते हैं और क्रमश: एक प्रतिशत, दो प्रतिशत तथा पांच प्रतिशत की दर से कर का भुगतान कर सकते हैं. परिषद ने बच्चों की चित्रकला की किताबों पर शुन्य जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया जबकि पूर्व में इसपर 12 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने की बात कही गयी थी.

कंप्यूटर प्रिंटर पर 18 फीसदी टैक्स

कंप्यूटर प्रिंटर पर 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव किया गया. इंसुलिन और अगरबत्ती पर जीएसटी कम कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि स्कूल बैग पर 18 प्रतिशत शुल्क लगेगा. काजल पर 28 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है. परिषद की अगली बैठक 18 जून को होगी. उसमें लॉटरी कर तथा ई-वे बिल पर विचार किया जायेगा.

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