आज से मैकडाेनाल्ड के 43 रेस्टूरेंट बंद हो जायेंगे, करीब 1700 कर्मचारियों पर पड़ेगी बेरोजगारी की मार

नयी दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में कनॉट प्लाजा रेस्टूरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) बोर्ड की अंतर्कलह की मार मशहूर फास्टफूड शृंखला मैकडोनाल्ड के कर्मचारियों को झेलना पड़ेगा. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस कलह की वजह से दिल्ली आैर इसके आसपास के इलाके में मैकडोनाल्ड के करीब 43 रेस्टूरेंट बंद हो जायेंगे. गौरतलब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2017 12:46 PM

नयी दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली में कनॉट प्लाजा रेस्टूरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) बोर्ड की अंतर्कलह की मार मशहूर फास्टफूड शृंखला मैकडोनाल्ड के कर्मचारियों को झेलना पड़ेगा. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस कलह की वजह से दिल्ली आैर इसके आसपास के इलाके में मैकडोनाल्ड के करीब 43 रेस्टूरेंट बंद हो जायेंगे. गौरतलब है कि इस समय दिल्ली आैर इसके आसपास के इलाके में मैकडोनाल्ड के करीब करीब 50 रेस्टूरेंट संचालित किये जा रहे हैं. कंपनी की आेर से फिलहाल 43 रेस्टूरेंट को बंद करने का फैसला किया गया है. बताया जा रहा है कि कनॉट प्लाजा रेस्टूरेंट (सीपीआरएल), विक्रम बक्शी और अमेरिकी मैकडोनाल्ड के बीच 50-50 फीसदी की आपसी साझेदारी के संयुक्त उपक्रम है. यह उत्तर और पश्चिम भारत में फास्ट फूड शृंखला का संचालन करते हैं.

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168 रेस्टूरेंट का संचालन करने वाले सीपीआरएल के पूर्व प्रबंध निदेशक विक्रम बक्शी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन 43 रेस्टूरेंट का संचालन अस्थायी रूप से बंद किया जा रहा है. विक्रम बक्शी अपनी पत्नी सहित सीपीएरएल बोर्ड में शामिल हैं. अमेरिका के इलिनोय की कंपनी मैकडोनाल्ड और उसके 50:50 हिस्सेदारी वाले संयुक्त उपक्रम सीपीआरएल के बीच लंबे समय से अंतरकलह चल रही है.

आउटलेट्स बंद करने का एेलान बुधवार की सुबह स्काइप के जरिये हुई बोर्ड बैठक के दौरान लिया गया. रेस्टूरेंट को अस्थायी तौर पर बंद किये जाने की वजह के बारे में दोनों सहयोगियों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि बख्शी और मैकडोनाल्ड्स के बीच चल रही लड़ाई के बीच सीपीआरएल आवश्यक स्वास्थ्य लाइसेंस रिन्यू कराने में असफल हो गयी है.

अगस्त, 2013 में बख्शी को सीपीआरएल के प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया गया था. इसके बाद बख्शी और मैकडोनाल्ड्स के बीच लंबी कानूनी लड़ाई शुरू हो गयी, जिसमें उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फूड शृंखला को कंपनी लॉ बोर्ड में घसीट लिया.

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