एक जुलाई से देश भर में गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) यानी जीएसटी लागू होने के बाद कई तरह की सेवाओं और सामग्रियों की कीमतें प्रभावित हुईं हैं. आपको देश-दुनिया से जोड़े रखनेवाला आपका स्मार्टफोन भी इससे अछूता नहीं है.
सरकार ने इंपोर्टेड मोबाइल फोन्स पर कस्टम ड्यूटी 10 प्रतिशत और बढ़ा दी है. इससे ग्राहकों को मोबाइल फोन खरीदने के लिए अपनी जेब और ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. बताते चलें कि भारत सरकार ने ऐसा भारतीय कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए किया है.
बढ़ी हुई कस्टम ड्यूटी स्मार्टफोन, चार्जर, बैटरी, हेडफोन, माइक्रोफोन, कीपैड, यूएसबी केबल लागू होगी.यानीअब ये चीजें महंगी हो जायेंगी. यहां जानना जरूरी है कि यह वृद्धि जीएसटी के प्रभाव से इतर है.
जीएसटी लागू होने से स्मार्टफोन की कीमत, मोबाइल बिल जैसी चीजें महंगी हो जायेंगी. अब चूंकि इसमें कस्टम ड्यूटी भी जोड़ दी गयी है, ऐसे में अब मोबाइल फोन खरीदना पहले जितना आसान नहीं रह जायेगा.
बताते चलें कि सरकार ने जीएसटी लागू करके एेपल, शाओमी, नोकिया, मोटोरोला, लेनोवो और घरेलू मोबाइल निर्माता कंपनियों जैसे- इंटेक्स, लावा, माइक्रोमैक्स को बड़ी राहत दी है.
जीएसटी के बाद अब सैमसंग, एलजी, ओप्पो, वीवो, जियोनी, एचटीसी जैसी विदेशी कंपनियां भारत में अपना मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने पर मजबूर होंगी. इसका मतलब यह हुआ कि जब तक भारत में ये कंपनियां मैन्यूफैक्चरिंग शुरू नहीं करतीं, तब तक इनके बनायेहैंडसेट्स महंगे रहेंगे.
यही नहीं, जीएसटी से आपको हर रिचार्ज पर मिलनेवाला टॉकटाइम और डेटा भी प्रभावित होगा. सबसे पहले आपको बता दें कि जीएसटी के तहत दूरसंचार सेवाओं पहले जहां 15% टैक्स लगता था, वहीं अब 18% टैक्स लगेगा.यानी पोस्टपेड और प्री-पेड यूजर्स को 3 परसेंट एक्सट्रा टैक्स देना होगा. इसका मतलब यह हुआ कि 100 रुपये के रिचार्ज पर आपको सिर्फ 82 रुपये मिलेंगे.
पोस्टपेड यूजर्स को अगर प्रतिमाह 500 रुपये का बिल आता है, तो अब उसे 18% की नयी दर से 590 रुपये का बिल चुकाना होगा.
संबंधित खबरें
GST : जानें, आज से क्या सस्ता या महंगा, किस पर कितना लगेगा टैक्स
रच दिया गया देश का एक नया इतिहास, अब वन नेशन, वन टैक्स वाला GST हो गया लागू
#GST : 500 प्रकार के टैक्स के जंजाल से मुक्त हुआ भारत, जानिये, GST के 17 साल का सफर
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.