भारत के मध्यम वर्ग पर टिकी है इजरायल की निगाह, मुक्त व्यापार शुरू होते ही पूरी हो जायेगी मंशा

यरुशलमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एेतिहासिक यात्रा का लाभ उठाते हुए अपना निर्यात बढ़ाने के लिए इजरायल की निगाह भारत के मध्यम वर्ग पर टिकी हुर्इ है. हालांकि, मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत के अटके होने की वजह से यहां इसमें कुछ संशय बना हुआ है. पीएम मोदी की इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2017 12:19 PM

यरुशलमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एेतिहासिक यात्रा का लाभ उठाते हुए अपना निर्यात बढ़ाने के लिए इजरायल की निगाह भारत के मध्यम वर्ग पर टिकी हुर्इ है. हालांकि, मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत के अटके होने की वजह से यहां इसमें कुछ संशय बना हुआ है. पीएम मोदी की इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मुक्त व्यापार समझौते पर बात बनते ही भारत के बाजार में प्रवेश कर मध्यम वर्गीय परिवार के उपयोग की वस्तु की बिक्री करने की मंशा भी पूरी हो जायेगी.

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इजरायल के आर्थिक और उद्योग मंत्री एली कोहेन ने कहा कि भारत इजरायल के लिए अहम निर्यात बाजार है. भारत के साथ मजबूत होते रिश्ते और भारत के प्रधानमंत्री की इस एेतिहासिक यात्रा से दोनों देशों के रिश्ते सुरक्षा निर्यात से आगे बढ़कर वस्तु एवं सेवाओं के व्यापार में वृद्धि की दिशा में बढ़ेंगे.

कोहेन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इजरायल निर्यात के लिए प्रमुख गंतव्य बनती जा रही है. भारत के 130 करोड़ उपभोक्ता जिसमें 30 करोड़ नागरिक मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के हैं और उनकी खरीद क्षमता पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं के समान है इजरायली निर्यात के लिये काफी महत्वपूर्ण है.

मुक्त व्यापार समझौते के मुद्दे पर दोनों ही देशों का रवैया टालमटोल वाला रहा है. हालांकि, इस मुद्दे पर बातचीत सात साल पहले शुरू हो गयी थी. इसका पहला दौर 26 मई, 2010 में हुआ था. लंबे समय से लटके पड़े इस समझौते के बारे में पूछे जाने पर इजरायल के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि भारत इस बारे में फिर से मूल्यांकन कर रहा है, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे ज्यादा तवज्जो नहीं दी. उन अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच उनकी आथर्कि क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए नये घटनाक्रम हो रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के सरकार समर्थक समाचार पत्र के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत इस्राइल की तरफ केवल ‘पारंपरिक आयात-निर्यात वाले संबंधों ‘ की नजर से नहीं देख रहा है. उन्होंने कहा कि यह खरीदार-विक्रेता संबंधों से आगे बढ़कर रिश्ता है.

उन्होंने कहा कि हम ‘मेक इन इंडिया ‘ पर जोर देते हुए प्रौद्योगिकी आधारित भागीदारी को लेकर अधिक इच्छुक हैं. इजरायल के आर्थिक एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के बीच व्यापार 1992 के 20 करोड़ डाॅलर से बढकर हीरा व्यापार सहित 2016 में 4.13 अरब डाॅलर पर पहुंच गया है.

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