मुंबईः देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने निजी दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर लगने वाले एक बारगी पंजीकरण कर को दो प्रतिशत बढ़ा दिया है. राज्य के परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस वृद्धि को सोमवार को महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंजूरी दी है. जीएसटी लागू होने के बाद राज्य में चुंगी और स्थानीय निकाय कर समाप्त होने से राजस्व का जो नुकसान हो रहा है. उसकी भरपाई के लिए यह कदम उठाया गया है. हालांकि, राज्य सरकार ने महंगी आयातित कारों के मामले में कर राशि को अधिकतम 20 लाख रुपये निर्धारित कर दिया है. इससे पहले कुल कार की कीमत पर 20 प्रतिशत का कर वसूला जाता रहा है.
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अधिकारी ने इस पर और जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जब महाराष्ट्र के लोगों ने आयातित कार खरीदी. इसके बावजूद उसका पंजीकरण दूसरे राज्य में कराया, जहां कर की दर कम है. इससे राज्य को राजस्व का नुकसान होता रहा है. इस नुकसान से बचने के लिए राज्य सरकार ने महंगी आयातित कारों पर अधिकतम कर को 20 लाख रुपये रखने का फैसला किया है, फिर चाहे कार की कीमत कुछ भी हो.
अधिकारी ने कहा कि इससे पहले दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर एक बारगी पंजीकरण कर 8 से 10 प्रतिशत लगता था, जो कि अब बढकर 10 से 12 प्रतिशत कर दिया गया है. पेट्रोल से चलने वाले वाहनों पर पहले 9 से 11 प्रतिशत पंजीकरण कर था, यह दर बढ़कर 11 से 13 प्रतिशत हो गयी. डीजल की कारों पर इसे 11-13 से बढ़ाकर 13-15 कर दिया गया है. सीएनजी और एलपीजी कारों के लिये इसे 5-7 से बढ़ाकर 7-9 प्रतिशत कर दिया गया है.
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