श्रीनगरः भारी हंगामे आैर नेशनल कांफ्रेंस समेत कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा में राज्य में जीएसटी के कार्यान्वयन से जुड़े प्रस्ताव को पारित कर दिया गया. इसके बावजूद वह विशेष राज्य के दर्जे आैर विशेष कराधान की शक्तियों की हिफाजत की मांग पर अब भी अटल है. उसने विधानसभा में जीएसटी कार्यान्वयन प्रस्ताव को पास करने के साथ ही राष्ट्रपति से मांग की है कि जीएसटी के क्रियान्वयन के समय विशेष राज्य का दर्जा आैर उसकी विशेष कराधान की शक्तियों की हिफाजत का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. बीती एक जुलाई को जम्मू-कश्मीर के अलावा सभी राज्यों ने जीएसटी को लागू कर दिया था.
इस खबर को भी पढ़ेंः जीएसटी पर जम्मू कश्मीर विधानसभा में हंगामा, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की उपस्थिति का भी विरोध
राज्य के वित्त मंत्री हसीब द्राबू द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया गया. इसमें राष्ट्रपति से राज्य के विशेष दर्जे तथा विशेष कराधान की हिफाजत करने की मांग की गयी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के जरिये किसी भी तरह से संविधान के अनुच्छेद 370 से समझौता नहीं किया गया है. दो दिनों की चर्चा के बाद बुधवार को प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. हालांकि, नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और माकपा तथा एक निर्दलीय विधायक ने मौजूदा प्रारूप में राज्य में नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू करने को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. इससे पहले द्राबू ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि प्रस्ताव में केंद्र से राज्य के विशेष दर्जे तथा विशेष कराधान शक्तियों की हिफाजत करते हुए जीएसटी लागू करने की मांग की गयी है.
जेटली ने जम्मू-कश्मीर को दी बधाई
जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) विधेयक को पारित किये जाने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे ग्राहकों को फायदा होगा और उनके लिए वस्तुएं सस्ती होंगी. वहीं, इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा. कई ट्वीट कर जेटली ने राज्य विधानसभा में इस विधेयक के पारित होने पर राज्य के लोगों को बधाई दी. एसजीएसटी विधेयक को पारित करने वाला जम्मू-कश्मीर आखिरी राज्य है. जीएसटी एक जुलाई को लागू हुआ है. जेटली ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य के जीएसटी के साथ एकीकरण के लिए बधाई. जम्मू-कश्मीर एक उपभोक्ता राज्य है और जीएसटी से राज्य का राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.