कोलकाता: पश्चिम बंगाल में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के विरोध में झंडा बुलंद करने के बाद ममता बनर्जी सरकार ने इसे लागू कर तो दिया है, लेकिन कोलकाता के कारोबारी इसमें पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. इसका कारण यह है कि यहां बड़ी संख्या में खुदरा दुकानदारों ने अभी जीएसटी का क्रियान्वयन नहीं किया है और वे अपनी वस्तुएं पुरानी तारीख के आधार पर ही बेच रहे हैं. उनकी आेर से दिये जाने वाले बिल में जून महीने की तारीख डाली जा रही है.
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शहर के कॉलेज स्टरीट में वाश बेसिन, नल जैसे सैनेटरी के सामान बेचने वाले ने कहा कि हमें अब भी काफी भ्रम है. इसका आसान तरीका जून बिल के साथ वस्तुओं की खरीद और बिक्री की जा रही है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के कई कर स्लैब हैं और पुराने माल का मूल्य फिर से तय करने में समय लगेगा. तब तक क्या हमें अपनी दुकानें बंद रखनी चाहिए. एक अन्य दुकानदार ने कहा कि इस प्रकार के बिल से पुराने माल को निकालने में मदद मिलेगी.
पेंट की दुकान चलाने वाले ने कहा कि जब तक मामले का समाधान नहीं हो जाता, माल को पुरानी तारीख वाले बिल के साथ बेचा जायेगा. हालांकि, सरकार का कहना है कि जिन दुकानदारों के पास पुराना माल बचा है, वे जीएसटी के बाद कर में बदलाव के आधार पर उस पर नयी कीमत डालकर बेच सकते हैं.
वहीं, ट्रक परिचालकों के संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि जीएसटी के कारण ट्रकों की आवाजाही कम हुई है. कस्टम एजेंट एसोसिएशन के अधिकारी ने दावा किया कि भारत-बांग्लादेश व्यापार भी बाधित हुआ है. इसका कारण जीएसटी साफ्टवेयर में कुछ तकनीकी बाधाएं हैं.
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