भगोड़ा विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में अब 4 दिसंबर को होगी ब्रिटेन में अंतिम सुनवार्इ

लंदनः शराब कारोबारी और कर्ज नहीं लौटाने के मामले में भारत में वांछित भगोड़ा विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में अब इस साल के 4 दिसंबर को आखिरी सुनवार्इ होगी. गुरुवार को सुनवाई के लिए वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. माल्या के ऊपर भारतीय बैंकों के समूह का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2017 8:26 AM

लंदनः शराब कारोबारी और कर्ज नहीं लौटाने के मामले में भारत में वांछित भगोड़ा विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले में अब इस साल के 4 दिसंबर को आखिरी सुनवार्इ होगी. गुरुवार को सुनवाई के लिए वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. माल्या के ऊपर भारतीय बैंकों के समूह का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है और वह भारत से भागकर लंदन में रह रहे हैं. ब्रिटेन की अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण मामले में अंतिम सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाने के शराब कारोबारी के आग्रह को ठुकराते हुए अंतिम सुनवाई की तारीख 4 दिसंबर होने की पुष्टि की है.

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मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस आर्बुथनोट द्वारा व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के बावजूद अदालत में उपस्थित होने के बारे में पूछे जाने पर बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख 61 वर्षीय माल्या ने कहा कि मैं अपने वकील की सलाह पर काम करता हूं. मजिस्ट्रेट ने 13 जून को सुनवाई के दौरान उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी थी. सुनवाई शुरू होने से पहले उन्होंने कहा कि यह अदालत है. उनके पास जो भी साक्ष्य हैं, उसे पेश करने दीजिए और हम अपना पक्ष रखेंगे.

माल्या को स्काटलैंड यार्ड ने अप्रैल में गिरफ्तार किया और वे चार दिसंबर तक जमानत पर हैं. मामले में अंतिम सुनवाई के लिए यही तारीख निर्धारित है. भारतीय अधिकारियों को भरोसा है कि उनका मामला मजबूत है और उसके प्रत्यर्पण को लेकर भारत का पक्ष रखने को लेकर ‘क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) के समक्ष सभी साक्ष्य पेश कर दिये गये हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, भारतीय पक्ष की तरफ से सभी दस्तावेज और साक्ष्य पेश किये गये हैं और सीपीएएस इससे काफी खुश है. उन्हें भरोसा है कि सभी साक्ष्य काफी व्यवस्थित हैं. इसीलिए हम अच्छी स्थिति में हैं और हमें लगता है कि दूसरा पक्ष देरी करना बंद करेगा.

माल्या के वकील चाहते हैं कि मामले में अंतिम सुनवाई की तारीख मार्च या अप्रैल 2018 में निर्धारित हो. उनका दावा है कि भारतीय प्राधिकरण से अंतिम साक्ष्य नहीं मिले हैं. उनका यह भी मानना है कि दूसरा प्रत्यर्पण का अनुरोध आने वाला है. ऐसा माना जाता है कि प्रत्यर्पण को लेकर दूसरा अनुरोध माल्या के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के मामले से जुड़ा है.

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