ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बिना ही लघु बचत योजना को बढ़ावा देना चाहती है सरकार

खड़गपुर: इसी साल मार्च के महीने में लघु बचत योजनाआें की ब्याज दरों में कटौती करने के बाद अब सरकार इन दरों में बढ़ोतरी किये बिना ही इन्हें बढ़ावा देना चाहती है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां कहा कि सरकार लघु बचत को बढ़ावा देना चाहती है, क्योंकि जितना इसे मजबूत होना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2017 11:01 AM

खड़गपुर: इसी साल मार्च के महीने में लघु बचत योजनाआें की ब्याज दरों में कटौती करने के बाद अब सरकार इन दरों में बढ़ोतरी किये बिना ही इन्हें बढ़ावा देना चाहती है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां कहा कि सरकार लघु बचत को बढ़ावा देना चाहती है, क्योंकि जितना इसे मजबूत होना चाहिए, फिलहाल यह नहीं है. निर्मला ने कहा कि लघु बचत अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. लघु बचत फिलहाल उतनी मजबूत नहीं है, जितना इसे होना चाहिए. हम इसे पटरी पर लाना चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में नहीं बताया कि सरकार कैसे लघु बचत को पटरी पर लाने की योजना बना रही है, जबकि ब्याज दर में लगातार कमी आ रही है. लघु बचत योजनाओं के मामले में डाकघर की योजनाएं महत्वपूर्ण है और ब्याज दर घटकर 7.6 फीसदी पर आ गयी है.

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आईआईटी खड़गपुर में विनोद गुप्ता स्कूल आॅफ मैनेजमेंट द्वारा वित्त पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्मला ने सकल पूंजी निर्माण या बचत के संदर्भ में लघु बचत योजनाओं के बारे में अपनी बातें रखी. विश्वबैंक के अनुसार, भारत में सकल घरेलू बचत 2015 में जीडीपी का 30.43 फीसदी थी. मंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था को असंगठित से संगठित बनाने पर जोर दिया, जिसमें वित्तीय लेन-देन और कर देनदारी का स्पष्ट रूप से पता हो. उन्होंने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी तथा डिजिटल भुगतान जैसे कदम इसे संभव बना रहा है.

गौरतलब है कि इसी साल के मार्च महीने में सरकार ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ), किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में 0.1 फीसदी की कटौती की थी. यह कटौती वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए की गयी थी. इसके तहत बैंकों को भी जमा दरों में कटौती करने की छूट दी गयी थी. जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले अप्रैल-जून अवधि के लिए इन बचत योजनाओं पर ब्याज दर में 0.1 फीसदी की कटौती की गयी है. हालांकि, बचत जमा पर सालाना 4 फीसदी ब्याज दर को बरकरार रखा गया था. पिछले साल अप्रैल से लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर में तिमाही आधार पर ब्याज दर में बदलाव किया गया है.

वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ में निवेश पर अब सालाना 7.9 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. पांच साल की राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दर इतनी ही होगी. किसान विकास पत्र (केवीपी) में निवेश पर 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलेगा और यह 112 महीने में परिपक्व होगा. बालिकों के लिए शुरू सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर सालाना 8.4 फीसदी कर दी गयी थी. वरिष्ठ नागरिक बचत जमा योजना पर भी ब्याज दर 8.4 फीसदी कर दिया गया था.

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