लापरवाही…? छापों में व्यस्त IT अधिकारी टैक्स वसूली में पिछड़े, जून तक इतना ही हो पाया कर संग्रह…
नयी दिल्लीः भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गये अभियान की वजह से इस समय आयकर (IT) विभाग के अधिकारी व्यस्त हैं आैर उधर नियमित वसूले जाने वाले टैक्स में गिरावट दर्ज की जा रही है. इसी का नतीजा है कि इस साल के जून महीने तक आयकर विभाग की आेर से करीब 1.42 लाख करोड़ रुपये […]
नयी दिल्लीः भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गये अभियान की वजह से इस समय आयकर (IT) विभाग के अधिकारी व्यस्त हैं आैर उधर नियमित वसूले जाने वाले टैक्स में गिरावट दर्ज की जा रही है. इसी का नतीजा है कि इस साल के जून महीने तक आयकर विभाग की आेर से करीब 1.42 लाख करोड़ रुपये तक ही प्रत्यक्ष कर की वसूली की जा सकी है. हालांकि, सरकार की आेर से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 9.80 लाख रुपये तक प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आयकर विभाग की आेर से जून के महीने तक प्रत्यक्ष कर के रूप में जितनी राशि का संग्रह किया गया है, वह लक्ष्य का मात्र 14.5 फीसदी ही है.
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प्रत्यक्ष कर संग्रह की वसूली संतोषजनक नहीं होने की वजह से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिकारियों को आगाह करते हुए राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए हिदायत दी है. विभाग ने अब तक की कर वसूली को संतोषजनक नहीं बताया है. सीबीडीटी चेयरमैन सुशील चंद्र ने अपने सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को निर्देश जारी किया है, जिसमें उनसे कहा गया है कि राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए सभी उपाय करें, ताकि सितंबर तिमाही की समाप्ति तक स्थिति वांछित वृद्धि के अनुरूप हो जाये.
सीबीडीटी के चेयरमैन चंद्र ने जारी निर्देश में आयकर के प्रधान मुख्य आयुक्तों को लिखा है कि लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरे साल निरंतर प्रयास की जरूरत है. सीबीडीटी प्रमुख का मानना है कि जून तक प्रत्यक्ष कर की समीक्षा बताती है कि विभिन्न मानदंडों में राजस्व संग्रह की वृद्धि संतोषजनक नहीं है. चंद्र ने आयकर अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि रिफंड अधिक जारी होने की स्थिति में प्रत्यक्ष कर की सकल वृद्धि फिर से नीचे आ सकती है.प्रत्यक्ष कर की सकल वृद्धि केवल 8.4 प्रतिशत रही है और रिफंड कम होने की वजह से ही शुद्ध प्राप्ति में करीब 15 फीसदी की वृद्धि दिखाई दे रही है.
च्रंद ने कहा है कि अग्रिम कर, स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और अन्य मदों में संग्रह वृद्धि पिछले साल के मुकाबले काफी कम है. उन्होंने कहा कि बोर्ड की समीक्षा में यह पाया गया है कि देश के ज्यादातर आयकर क्षेत्रों में सकल कर संग्रह अथवा शुद्ध कर संग्रह या फिर दोनों ही मामलों में काफी कम वृद्धि हुई है. सीबीडीटी चेयरमैन ने विभाग प्रमुखों को संग्रह बढाने के लिए विभिन्न विकल्पों का इस्तेमाल करने और अंतर की भरपाई करने के लिए ‘वैकल्पिक स्रोतों’ को देखने को कहा है.
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