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संसदीय समिति को 500 आैर 1000 रुपये के पुराने नोटों की वापसी का ब्योरा नहीं दे पाये रिजर्व बैंक के गवर्नर

नयी दिल्लीः रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल संसदीय समिति के सामने बुधवार को दूसरी बार पेश हुए. ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने समिति के समक्ष कहा कि जमा किये गये प्रतिबंधित 500 आैर 1000 रुपये पुराने नोटों की गिनती का काम अभी जारी है. इसीलिए वह नोटबंदी के बाद जमा के रूप में […]

नयी दिल्लीः रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल संसदीय समिति के सामने बुधवार को दूसरी बार पेश हुए. ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने समिति के समक्ष कहा कि जमा किये गये प्रतिबंधित 500 आैर 1000 रुपये पुराने नोटों की गिनती का काम अभी जारी है. इसीलिए वह नोटबंदी के बाद जमा के रूप में वापस आयी राशि के बारे में बताने की स्थिति में नहीं हैं. वित्त पर संसद की स्थायी समिति की तीन घंटे से अधिक चली बैठक में रिजर्व बैंक गवर्नर से कई सवाल पूछे गये, लेकिन कई सदस्यों ने कहा कि केंद्रीय बैंक प्रमुख ने इस बारे में कोई स्पष्ट संख्या नहीं बतायी कि आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद कितनी धनराशि बैंकों में आयी. समिति के अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली हैं.

इस खबर को भी पढ़ेंः नोटबंदी पर उर्जित पटेल के बचाव में उतरे मनमोहन सिंह, कहा – सवालों का जवाब देने की जरूरत नहीं

बैंकों में पुराने नोटों की कुल राशि के बारे में पूछे जाने पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नोटों की गिनती अब भी जारी है. इस पर समिति के कई सदस्यों ने असंतोष जताया. मोइली ने कहा कि समिति नोटबंदी को लेकर अपनी रिपोर्ट संसद के माॅनसून सत्र में पेश करेगी और नोटबंदी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक के गवर्नर को अब और नहीं बुलाया जायेगा. समिति 17 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के माॅनसून सत्र के दौरान नोटबंदी पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. सत्र 11 अगस्त को संपन्न होगा.

नोटबंदी के बाद दूसरी बार संसदीय समिति के सामने पेश हुए पटेल

मोइली ने कहा कि हमारी नोटबंदी और विभिन्न अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. समिति नोटबंदी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक के गवर्नर को अब और नहीं बुलायेगी. आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से हटाये जाने से समिति के समक्ष पटेल बुधवार को दूसरी बार पेश हुए. सरकार के नोटबंदी के निर्णय को विपक्ष की काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इससे पहले, जनवरी में भी आरबीआई गवर्नर समिति के समक्ष उपस्थित हुए थे. उस समय उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा था कि वह नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा राशि के बारे में एक बयान सौंपेगे. पटेल के साथ आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा भी बैठक में मौजूद थे.

नोट गिनने की खातिर कर्मचारियों के अवकाश में कटौती

बैठक के बाद एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि गवर्नर ने कोई आंकड़ा नहीं दिया, केवल चलन में लाये गये नये नोटों के बारे में ब्योरा दिया. समिति के तीन सदस्यों के अनुसार, बैठक में मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गवर्नर से कोई सवाल नहीं पूछा. समिति के नोटबंदी और उसके प्रभाव के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए पटेल ने कहा कि चलन से हटाये गये 500 और 1,000 रुपये के नोटों की गिनती का काम सप्ताह में छह दिन लगातार चल रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराये गये पुराने नोटों की गिनती के लिए कर्मचारियों की छुट्टियों में कटौती की हैं. कर्मचारी रविवार को छोड़कर बाकी दिन 24 घंटे काम कर रहे हैं.

अभी खरीदी ही जा रही हैं नोट गिनने वाली मशीनें

पटेल का हवाला देते हुए समिति के एक सदस्य ने कहा कि रविवार को छोड़कर नोटों की गिनती का काम सप्ताह में लगातर छह दिन जारी है. इस बड़े कार्य को पूरा करने के लिये शनिवार के अलावा कई अन्य अवकाश निलंबित किये गये हैं. उन्होंने समिति के समक्ष कहा कि केंद्रीय बैंक ने नोटों की गिनती के लिए नयी मशीनों को लेकर निविदा भी जारी की है. कांग्रेस के एक सदस्य ने तो यहां तक पूछा कि क्या आरबीआई नोटबंदी के बाद जमा रकम के बारे में मई, 2019 तक जानकारी दे देगा, जब संसद का मौजूदा कार्यकाल समाप्त होगा.

बिटक्वाइन आैर लिटक्वाइन का इस्तेमाल बना चिंता का सबब

भ्रष्टाचार और कालाधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 औ 1,000 रुपये के नोटों पर पाबंदी लगा दी थी. पुराने नोटों को बैंकों तथा डाक घरों में जमा करने के लिए नौ नवंबर से 30 दिसंबर यानी 50 दिन का समय दिया गया था. पटेल ने यह भी कहा कि केंद्रीय बिट क्वाइन जैसी आभासी मुद्रा के जरिये होने वाले लेन-देन पर नजर रख रहा है. बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने बिट क्वाइन, लिटक्वाइन और एनईएम जैसी विभिन्न आभासी मुद्रा में बढ़ते लेन-देन को लेकर चिंता जतायी. इस पर पटेल ने कहा कि आरबीआई ऐसे लेन-देन पर कड़ी नजर रख रहा हैं.

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