नयी दिल्लीः ग्रामीण इलाके के लोगों को मकान मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की आेर से चलायी जा रही पीएम आवास योजना को संचालित किये जाने के बावजूद अब तक गांवों के लोगों के लिए सिर के ऊपर एक अदद आशियाना सुनिश्चित नहीं हो पाया है. इस बात को गुरुवार को सरकार ने इस बात को माना है कि देश के ग्रामीण इलाकों में अब भी करीब 4.36 करोड़ मकानों की कमी है.
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ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि राष्ट्रीय आवास बैंक ने अपने विभिन्न प्रकाशनों और पत्राचारों में 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए ग्रामीण आवास संबंधी कार्य समूह द्वारा ग्रामीण आवास की कमी संबंधी आंकड़े दर्शाये हैं. इसमें यह अनुमान लगाया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 4.36 करोड़ आवासों की कमी है. उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण भारत में बेघर परिवारों की संख्या 1,34,336 है. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार का उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराना है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में गरीब लोगों को मकान बनाने के लिए सरकार 1.20 लाख रुपये का अनुदान देती है. यह अनुदान चार किस्तों में दिया जाता है. पहली किस्त नींव डालते वक्त, दूसरी किस्त निर्माण 50 फीसदी होने पर, तीसरी किस्त निर्माण 80 फीसदी होने पर और चौथी किस्त निर्माण पूरा करने के बाद मिलती है. अगर लाभार्थी स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर में शौचालय का निर्माण भी करता है, तो उसे इसके लिए अलग से 12,000 रुपये दिये जाते हैं.
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