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लगातार तीसरी तिमाही में घाटे में रही आइडिया, अप्रैल-जून की तिमाही में 816 करोड़ का नुकसान

नयी दिल्लीः रिलायंस जियो की आेर से धमाके पर धमाका आॅफर पेश किये जाने का असर देश की दूरसंचार कंपनियों की आय आैर कारोबार पर साफ तौर पर दिखने लगा है. इसी का नतीजा है कि इस क्षेत्र की ज्यादातर दिग्गज कंपनियों को कर्ज के भार के साथ ही आर्थिक संकट का भी सामना करना […]

नयी दिल्लीः रिलायंस जियो की आेर से धमाके पर धमाका आॅफर पेश किये जाने का असर देश की दूरसंचार कंपनियों की आय आैर कारोबार पर साफ तौर पर दिखने लगा है. इसी का नतीजा है कि इस क्षेत्र की ज्यादातर दिग्गज कंपनियों को कर्ज के भार के साथ ही आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ रहा है. आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया सेलुलर को लगातार तीसरी तिमाही में अप्रैल-जून तिमाही में 816 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है. गौरतलब है कि सितंबर, 2016 से जियो ने ऑपरेशन शुरू किया है, तभी से आइडिया घाटे में चल रही है. अप्रैल-जून 2016 में इसे 217 करोड़ का मुनाफा हुआ था. इस वर्ष जनवरी-मार्च में कंपनी 325.6 करोड़ रुपये के घाटे में रही थी.

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दो दिन पहले देश की सबसे बड़ी दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी एयरटेल ने मुनाफे में 75 फीसदी गिरावट की घोषणा की थी. दूसरी बड़ी कंपनी वोडाफोन भारत में सूचीबद्ध नहीं है. वहीं, वोडाफोन और आइडिया के विलय की बात चल रही है. पिछली तिमाही में आइडिया की राजस्व वसूली में करीब 14 फीसदी की गिरावट आयी. यह 9,552.4 करोड़ से घटकर 8,181.7 करोड़ रुपये रह गयी. कंपनी पर 53,920 करोड़ रुपये का कर्ज है. हालांकि, इसकी मुख्य वजह स्पेक्ट्रम है.

वित्तीय नतीजों के साथ जारी बयान में कंपनी ने जियो का नाम लिये बगैर कहा कि वायरलेस इंडस्ट्री में उथल-पुथल वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी जारी रही. नयी कंपनी फ्री सेवा से धीरे-धीरे पेड सेवा की तरफ बढ़ रही है. वहीं, अब भी वह वॉयस और डाटा प्लान पर काफी छूट दे रही है. कंपनी का कहना है कि प्रतिस्पर्धी कंपनियों के एग्रेसिव टैरिफ का मुकाबला करने के लिए इसे भी ‘अनलिमिटेड’ प्लान लाने पड़े. इससे पूरी इंडस्ट्री का राजस्व कम होने के आसार हैं. हालांकि, इसका असर नॉन-4जी ऑपरेटरों पर ज्यादा होगा.

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