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संकटग्रस्त स्नैपडील ने 90 फीसदी के घाटे में किया फ्रीचार्ज की बिक्री का सौदा

मुंबईः संकटग्रस्त ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ने अपनी पेमेंट वॉलेट फर्म फ्रीचार्ज को करीब 90 फीसदी घाटे के साथ बेचने का सौदा पक्का किया है. करीब एक साल की तलाश के बाद स्नैपडील को एक्सिस बैंक के रूप में इसका खरीदार मिला है. पेमेंट वॉलेट फर्म 385 करोड़ रुपये में बैंक की झोली में गिरेगी. स्नैपडील […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2017 11:21 AM
मुंबईः संकटग्रस्त ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ने अपनी पेमेंट वॉलेट फर्म फ्रीचार्ज को करीब 90 फीसदी घाटे के साथ बेचने का सौदा पक्का किया है. करीब एक साल की तलाश के बाद स्नैपडील को एक्सिस बैंक के रूप में इसका खरीदार मिला है. पेमेंट वॉलेट फर्म 385 करोड़ रुपये में बैंक की झोली में गिरेगी. स्नैपडील ने फ्रीचार्ज को इससे 90 फीसदी ज्यादा रकम देकर खरीदा था. 2015 में स्नैपडील ने फ्रीचार्ज को खरीदने में 2,500 करोड़ रुपये लगाये थे.
रिपोर्टों के अनुसार, कुछ अन्य खरीदारों की भी फ्रीचार्ज को खरीदने में दिलचस्पी थी, लेकिन उनके भाव डेढ़ से दो करोड़ डॉलर (करीब 96 करोड़ से लेकर 128 करोड़ रुपये) के बीच थे. इस तरह देखा जाये, तो एक्सिस बैंक ने करीब दोगुने दाम में यह सौदा पक्का किया है. प्रतिद्वंद्वी ई-कॉमर्स कंपनी व वॉलेट पेटीएम ने फ्रीचार्ज के लिए एक करोड़ से दो करोड़ डॉलर की पेशकश की थी, जबकि अमेजन ने भी देर से डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के लिए बोली लगायी थी.
व्यापार और मूल्य वृद्धि के लिहाज से इस सौदे के खास मायने नहीं हैं. वजह यह है कि रिजर्व बैंक प्रवर्तित नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन की ओर से यूपीआइ और आइएमपीएस की शुरुआत के बाद अन्य बैंकों ने वॉलेट में निवेश की रफ्तार घटा दी है. यूपीआर्इ और आर्इएमपीएस ज्यादा सुरक्षित और ग्राहक अनुकूल एप्लीकेशन हैं. गार्टनर में शोध निदेशक सैंडी शेन ने कहा कि डिजिटल वॉलेट भीषण प्रतिस्पर्धा वाला क्षेत्र है, जिसमें दर्जनों खिलाड़ी हैं. प्लेटफॉर्म की स्वीकार्यता बढ़ाने और बेहतर सेवाएं देने के लिए काफी प्रयासों और संसाधनों की जरूरत होती है.
वहीं, एक्सिस बैंक की एमडी व सीईओ शिखा शर्मा ने कहा कि इस तरह के सौदे पर कीमत का बिल्ला लगाना मुश्किल होता है. जिस बात से हम ज्यादा उत्साहित हैं, वह टेक प्लेटफॉर्म, उसकी क्षमता, ग्राहक आधार और ब्रांड है. निश्चित ही हम इस ब्रांड के साथ आगे बढ़ेंगे. स्नैपडील के सह-संस्थापक व सीईओ कुणाल बहल ने कहा कि यह फायदे का सौदा है. इससे कंपनी अपने कोर ई-कॉमर्स कारोबार पर ज्यादा ध्यान लगा पायेगी. एक्सिस बैंक को वित्तीय सेवा क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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