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अगले एक-डेढ़ साल तक 6.5 से 7.5 के दायरे में रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि

नयी दिल्लीः देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि की गति पहले की अपेक्षा कुछ धीमी रहेगी. आने वाले एक-डेढ़ साल के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7.5 फीसदी के दायरे में रहेगी. हालांकि, संभावना यह जाहिर की जा रही है कि आगामी 12 से 18 महीनों […]

नयी दिल्लीः देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि की गति पहले की अपेक्षा कुछ धीमी रहेगी. आने वाले एक-डेढ़ साल के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7.5 फीसदी के दायरे में रहेगी. हालांकि, संभावना यह जाहिर की जा रही है कि आगामी 12 से 18 महीनों के बाद जीएसटी देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने में मदद करेगा. यह बात मूडीज के एक सर्वेक्षण में सामने आयी है. सर्वेक्षण में 75 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि बिजली, इस्पात और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में बड़े कंपनी समूहों को दिये गये कर्ज से भारत में बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता के लिए बड़ा जोखिम पैदा हुआ है.

इस खबर को भी पढ़ेंः नोटबंदी के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान

मूडीज और उससे संबद्ध इकरा के सर्वेक्षण में 200 से अधिक बाजार भागीदारों ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि संभावना को लेकर विश्वास व्यक्त किया है. मूडीज ने एक बयान में कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर अगले 12 से 18 महीने के दौरान 6.5 से 7.5 फीसदी के दायरे में रहेगी. 60 फीसदी से अधिक की ऐसी राय थी. यह दृष्टिकोण नोटबंदी के लघुकालिक नकारात्मक प्रभाव के बाद अर्थव्यवस्था के उबरने के संकेत के अनुरूप ही है. मूडीज को विश्वास है कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले 3-4 साल में बढ़कर 8 फीसदी के आसपास पहुंच जायेगी.

मूडीज के सहायक प्रबंध निदशेक मैरी डिरोन ने कहा कि हालांकि, भारत में चल रहे आर्थिक और संस्थागत सुधारों और आने वाले समय में होने वाले बदलावों को देखते हुए नोटबंदी से पैदा हुई अल्पकालिक अड़चन के बावजूद भारत अगले 12 से 18 माह के दौरान भारत उसके जैसे दूसरे देशों के मुकाबले अधिक तेजी से वृद्धि करेगा. सर्वेक्षण में भाग लेने वालों में हालांकि इस बात को लेकर एक राय थी कि जीएसटी के लागू होने से 12 से 18 माह में आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी, लेकिन इस मुद्दे पर उनकी राय अलग-अलग थी कि इस कर सुधार से आर्थिक वृद्धि कितनी बढ़ेगी.

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