अगर आप एसबीआइ के ग्राहक हैं, तो बैंक की ब्याज दर कटौती ऐसे डालेगी आपकी जेब पर असर

नयीदिल्ली: देश के सबसेबड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने बचत खाते में एक करोड़ रुपये तक की जमा राशि पर ब्याज दर को आधा प्रतिशत घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया. स्टेट बैंक ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा से पहले यह कदम उठाया है. बैंक के इस कदम से उसके 90 प्रतिशत ग्राहकों पर असर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2017 4:12 PM

नयीदिल्ली: देश के सबसेबड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने बचत खाते में एक करोड़ रुपये तक की जमा राशि पर ब्याज दर को आधा प्रतिशत घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया. स्टेट बैंक ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा से पहले यह कदम उठाया है. बैंक के इस कदम से उसके 90 प्रतिशत ग्राहकों पर असर पड़ेगा. बैंक के 90 प्रतिशत ग्राहक ऐसे हैं, जिनके खाते में एक करोड़ रुपये से कम राशि है. यानी देश के सबसे बड़े व सबसे बड़े ग्राहक आधार वाले बैंक के इस फैसले से हर मध्यम वर्गीय आदमी प्रभावित होगा.आपबैंकके इस फैसलेकाऐसे समझ सकते हैं किदसलाख रुपये अगर साल भर में आपकेबचतखाते मेंहैं, तो बैंक आपकोइसकासाढ़े तीन प्रतिशतयानी35 हजार ब्याज देगा.आज से पहलेबैंकका यह ब्याज 40हजाररुपयेबनता था.

अपने कस्टमर प्रोडेक्ट को लुभावना व सहज बनाये रखने के लिए एसबीआइ द्वारा उठाये गये इस कदम आज उसके शेयर साढ़े चार प्रतिशत तक चढ़े और हाल के दिनों में वह उच्चतम स्तर पर कारोबार करता हुआ दिख रहा है. बाजार के जानकारों का कहना है कि इससे एसबीआइ का प्रॉफिट बढ़ेगा. इससे उसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन बढ़ेगा.

हालांकि, बैंक ने कहा है कि वह बचत खाते में एक करोड़ रुपये और उससे अधिक जमा पर चार प्रतिशत की दर से ब्याज देता रहेगा. स्टेट बैंक ने नियामकीय सूचना में कहा है, ‘ ‘बैंक 31 जुलाई से बचत खाते में दो स्तरीय ब्याज दर ढांचे की शुरुआत कर रहा है.

एक करोड़ रुपये और इससे अधिक की जमा पर चार प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता रहेगा लेकिन एक करोड़ रुपये से कम की जमा पर ब्याज दर को आधा प्रतिशत घटाकर साढ़े तीन प्रतिशत कर दिया गया है. ‘ ‘ बैंक ने कहा है, ‘ ‘मुद्रास्फीति दर में गिरावट और दूसरी तरफ वास्तविक ब्याज दर का ऊंचा रहना प्राथमिक तौर पर इस बदलाव के पीछेबड़ी वजह रहा है जिसके कारण बचत खाते की जमा पर ब्याज दर में बदलाव करनापड़ा है. ‘ ‘

स्टेट बैंक ने कहा है कि बचत खाते की दर में संशोधन से बैंक अपने सीमांत लागत आधारित कर्ज की दरों को मौजूदा स्तर पर बनाये रख सकेगा. एसबीअाइ का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कई बैंक ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हें बचत खाते पर अधिक ब्याज देने का ऑफर देकर लुभा रहे हैं.

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