जून की तिमाही में पिछले साल के बजट अनुमान के मुकाबले 19.7 फीसदी बढ़ा राजकोषीय घाटा
नयी दिल्लीः चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा 4.42 लाख करोड़ रुपये यानी 2017-18 के बजट अनुमान का 80.8 फीसदी रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 19.7 फीसदी अधिक है. बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा पूरे बजट अनुमान का 61.1 फीसदी रहा […]
नयी दिल्लीः चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा 4.42 लाख करोड़ रुपये यानी 2017-18 के बजट अनुमान का 80.8 फीसदी रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 19.7 फीसदी अधिक है. बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा पूरे बजट अनुमान का 61.1 फीसदी रहा था.
इस खबर को भी पढ़ेंः राजकोषीय घाटा अप्रैल-अक्तूबर में बजट अनुमान के 74 % के बराबर
सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 फीसदी पर रखने का लक्ष्य तय किया है. 2016-17 में यह 3.5 प्रतिशत रहा है. मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष में 3.2 फीसदी राजकोषीय घाटा 5,46,532 करोड़ रुपये बैठेगा.
लेखा महानियंत्रक की आेर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान कर राजस्व बजट अनुमान का 14.5 फीसदी यानी 1,77,337 करोड़ रुपये रहा. अप्रैल-जून तिमाही में सरकार की कुल प्राप्तियां (राजस्व और गैर ऋण पूंजी) 2,09,046 करोड़ रुपये रहीं, जो चालू वित्त वर्ष के अनुमान का 13.1 प्रतिशत बैठता है.
बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह बजट अनुमान का 12.8 फीसदी रहा था. तिमाही के दौरान सरकार का कुल व्यय 6,50,731 करोड़ रुपये रहा, जो पूरे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 30.3 फीसदी है. तिमाही के दौरान राजस्व घाटा बजट अनुमान का 119.1 फीसदी या 3,83,101 करोड़ रुपये रहा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.