14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रिजर्व बैंक की दो टूक, राज्यों का कृषि लोन माफ करने से राजकोषीय लक्ष्य का होगा नुकसान

मुंबईः रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकारों के कृषि ऋण माफी से राजकोषीय लक्ष्य बिगड़ने और सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता घटने की आशंका है. उल्लेखनीय है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक उन राज्यों में शामिल हैं, जिन्होंने किसानों के लिए कर्ज […]

मुंबईः रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकारों के कृषि ऋण माफी से राजकोषीय लक्ष्य बिगड़ने और सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता घटने की आशंका है. उल्लेखनीय है कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक उन राज्यों में शामिल हैं, जिन्होंने किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा की है. हालांकि, केंद्र ने स्पष्ट किया कि राज्यों को कृषि ऋण माफी योजना के लिए अपना स्वयं का संशाधन तलाशना होगा.

इस खबर को भी पढ़ेंः कृषि लोन व बीमा का मायाजाल

रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के अनुसार, राज्य सरकारों के कृषि ऋण माफी से राजकोषीय लक्ष्य बिगड़ने और सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता घटने की आशंका है तथा इसका असर मुद्रास्फीति पर भी पड़ सकता है. इसमें कहा गया है कि राज्यों के बाजार से कर्ज लेने और कर लगाने की सीमा को देखते हुए कृषि ऋण माफी योजना से पूंजी व्यय में कटौती की बाध्यता हो सकती है. इसका पहले से कमजोर पूंजी व्यय चक्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

बयान के मुताबिक, अगर राज्य भी 2017-18 में केंद्र की तरह वेतन और भत्ते में उतनी ही वृद्धि करते हैं करते हैं, तो उपभोक्ता कीमत सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति डेढ़ से दो साल में एक प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. रिजर्व बैंक के गवर्नर छह सदस्यी मौद्रिक नीति समिति ने कहा कि स्थायी रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर रखने की प्रतिबद्धता पर जोर बना हुआ है. उल्लेखनीय है कि खुदरा मुद्रास्फीति जून महीने में ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर 1.54 प्रतिशत पर पहुंच गयी है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें