नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्च अधिकार प्राप्त माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद के अधीक्षक को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. अधिकारी पर आरोप है कि उसने केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में नियुक्ति के दौरान कुछ व्यापारियों को कथित लाभ पहुंचाने के लिये रिश्वत ली. एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने कल शाम अधीक्षक मनीष मल्होत्रा और कथित बिचौलिया मानस पात्रा को गिरफ्तार किया.
तलाशी के दौरान सीबीआई ने मल्होत्रा के परिसर की तलाशी के दौरान सात लाख रुपये प्राप्त किये.यह संभवत: पहला मामला है जब जीएसटी परिषद के किसी अधिकारी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. यह आरोप है कि पूर्व में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में नियुक्त मल्होत्रा भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल था. वह निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने तथा उनके खिलाफ कार्वाई नहीं करने के एवज में रिश्चवत लेता रहता था.
जांच एजेंसी को यह पता चला कि मल्होत्रा की तरफ से पात्रा लोगों से संपर्क करता और तिमाही या मासिक आधार पर रिश्वत लेता था. सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार पात्रा रिश्वत की राशि अपने कोष में जमा करता और बाद में उसे मल्होत्रा की पत्नी शोभना के एचडीएफसी बैंक खाते और बेटी आयुषी के आईसीआईसीआई बैंक खाते में भेजता. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मल्होत्रा जीएसटी परिषद में विभिन्न पक्षों से आने पत्रों का रखरखाव करता था और सार्वजनिक रुप से लोगों से उसका कोई लेना-देना नहीं था.उन्होंने कहा कि कथित रूप से जो धन संग्रह किया गया, वह उस समय का है जब वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में था.
जांच एजेंसी के एक अधिकारी के अनुसार सीबीआई को यह पता चला था कि पात्रा कल मल्होत्रा के निवास पर जा कर धन-राशि के साथ कुछ कागज सौंपने वाला था जिसमें रिश्वत प्राप्तियों के बारे में पूरा ब्योरा होगा.उसने कहा कि इस जानकारी के बाद सीबीआई ने परिसर की तलाशी ली और मल्होत्रा तथा पात्रा को रिश्वत की राशि तथा कुछ दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया
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