नयी दिल्लीः सरकार ने एक नये एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) भारत-22 के गठन की घोषणा की, जिसका पैसा ओएनजीसी, इंडियन ऑयल और भारतीय स्टेट बैंक बैंक जैसे 22 सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों और कंपनियों क्षेत्र की कंपनियों का बैंकों के शेयरों में लगाया जायेगा. यह दूसरा सरकारी ईटीएफ है. इससे पहले सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम ईटीएफ शुरू किया था और उसके लिए तीन किश्तों में 8,509 करोड़ रुपये जुटाये गये थे.
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां पत्रकारों से कहा कि भारत-22 का निवेश कारोबार के छह अलग अलग क्षेत्रों पर केंद्रित होगा. इसमें ऊर्जा, एफएमसीजी, वित्त, मूल जिंसों तथा उद्योग एवं सेवाओं के कारोबार से जुड़ी कंपनियों के शेयर शामिल होंगे. इसमें 22 केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, एक्सिस बैंक में सरकार की रणनीतिक हिस्सेदारी और आईटीसी एवं एलएंडटी जैसी निजी क्षेत्र की आद्योगिक कंपनियों में स्पेसीफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (एसयूयूटीआई) के माध्यम से लिये गये शेयर शामिल होंगे.
जेटली ने कहा कि इन क्षेत्रों का चुनाव करते वक्त हमाने सबंधित क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों को ध्यान में रखा है, जिनका शेयरों के मूल्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है. हमारा विश्वास है कि यह ईटीएफ सफल रहेगा. इसके लिए नाल्को, ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और कोल इंडिया जैसी एल्यूमीनियम, तेल और कोयला जैसे खनिज क्षेत्रों की प्रतिष्ठित कंपनियों के शेयर चुने गये हैं. इसके अलावा, भारत इलैक्ट्रॉनिक्स , इंजीनियर्स इंडिया, एनबीसीसी, एनटीपीसी, एनएचपीसी, एसजेवीएनएल, गेल, पीजीसीआईएल और एनएलसी इंडिया के शेयर भी चुने गये हैं.
सार्वजनिक क्षेत्र के केवल तीन बैंक भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के शेयर में इस राशि का निवेश किया जायेगा. इसके अलावा, एक्सिस बैंक, आईटीसी एवं लार्सन एवं टुब्रो (एलएंडटी) में एसयूयूटीआई के माध्यम से लिये गये शेयर शामिल होंगे. जेटली ने कहा कि इन 22 कंपनियों की सूची का मतलब है कि केंद्रीय उपक्रमों या सार्वजनिक बैंकों में सरकार की छोटी हिस्सेदारी इसमें शामिल होगी. इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों को शामिल किया जाना सरकार की नीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी 52 फीसदी से नीचे जा सकती है और जब भी संभव होगा हम एकीकरण की संभावना को जरूर देखेंगे.
जेटली ने कहा कि ईटीएफ का प्रयोग भारत और वैश्विक आधार पर सफल रहा है और ऐसे कोष के जरिये 4,000 अरब डाॅलर की संपत्ति का निवेश हुआ है. इस तरह का निवेश कम जोखिम वाला होता है और तरल संपदा उपलब्ध कराता है, जिसका वास्तविक समय में कारोबार किया जा सकता है. यह एक पारदर्शी निवेश विकल्प है.
इस ईटीएफ की पहली किस्त के बारे में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव नीरज गुप्ता ने कहा कि ईटीएफ के माध्यम से जुटाए जाने वाले कोष की कोई सीमा नहीं होती. सरकार जरूरत के हिसाब से इसकी किस्तें जारी करेगी. उन्होंने कहा कि इस फंड में शामिल 90 फीसदी शेयर वायदा बाजार में खरीदे-बेचे जाते हैं. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इस कोष का प्रबंधन करेगी.
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