ब्रुसेल्स : यूरोपीय बाजारों में बिकने वाले अंडों में कीटनाशक रसायन फ्लिप्रोनिल के अंश पाये जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है़ इसकी वजह से नीदरलैंड में प्रभावित मुर्गियों को मारने का काम शुरू हो गया है़ आलम यह कि यूरोप में लाखों मुर्गियों की जान पर बन आयी है. नीदरलैंड के मुर्गी पालकों के संगठन एलटीओ ने कहा है कि बेल्जियम को इस मामले में सफाई देनी चाहिए.
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इस बीच, जर्मनी, नीदलैंड, बेल्जियम , स्वीडन और स्विट्जरलैंड के सुपर बाजारों से लाखों की संख्या में बिक्री के अंडे उनमें फिप्रोनिल रसायन के खतरे के हटा लिये गये हैं. यह रसायन मक्खियां भगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, पर इसका प्रयोग ऐसे पशु पक्षियों पर वर्जित है, जो मानव उपभोग के लिए होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इस रसायन से मनुष्यों के गुर्दे, लिवर और थायरायड ग्लैंड पर खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है.
नीदरलैंड के एक कृषि संगठन एलटीओ ने बताया कि वहां 150 कंपनियों में अब तक तीन लाख मुर्गियों को मारा जा चुका है और अभी कई लाख मुर्गियों को अभी और मारने की जरूरत पड़ सकती है. एलटीओ के एक प्रवक्ता ने सोमवार की देर रात कहा कि इन्हें संक्रमण के कारण मारा गया.
इस बीच, बेल्जियम के कृषि मंत्री डेनिस डुकार्मे ने कहा कि उन्होंने वहां की खाद्य सुरक्षा एजेंसी को मंगलवार तक रिपोर्ट पेश करने कहा है कि क्यों वे अंडों में फिप्रोनिल रसायन होने की बात जून से ही मालूम होने पर भी 20 जुलाई तक पड़ोसी देशों को नहीं बताये. जर्मनी और नीदरलैंड के दबाव का सामना कर रहे डुकार्मे ने पूरी तरह से पारदर्शिता का वादा किया है. उन्होंने कहा कि वह अपने समकक्षों से टेलीफोन के जरिये आने वाले दिनों में बात करेंगे.
उल्लेखनीय है कि अंडों में कीटनाशक पाये जाने की जानकारी से अवगत नहीं कराये जाने को लेकर जर्मनी और नीदरलैंड ने बेल्जियम से स्पष्टीकरण की मांग की है. यूरोपीय आयोग की प्रवक्ता अन्ना-केइसा इत्कोनेन ने कहा कि चूंकि इस मामले में एक आपराधिक जांच चल रही है. इसलिए वह बेल्जियम की ओर से सूचना दिये जाने में देरी पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती हैं.
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