नयी दिल्लीः सरकार ने माॅनसून सत्र के अवसान के पहले सदन में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक समीक्षा में यह साफ कर दिया है कि देश में रसोर्इ गैस सिलेंडरों पर मिलने वाली सब्सिडी को मार्च, 2018 तक पूरी तरह समाप्त कर दी जायेगी. इसके लिए आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है कि सरकार की आेर से मार्च, 2018 तक रसोर्इ गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. हालांकि, अभी दो दिन पहले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक बयान जारी कर कहा था कि देश में गरीबों को मिलने वाली रसोर्इ गैस पर सब्सिडी को जारी रखा जायेगा.
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गुरुवार को सरकार की आेर संसद में पेश अर्द्धवार्षिक समीक्षा में यह कहा गया है कि सरकार ने रसोईगैस पर सब्सिडी मार्च 2018 तक पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है. इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि सरकार का ध्यान मिट्टी के तेल पर सब्सिडी घटाने पर भी ध्यान केंद्रित है. इसके साथ ही, इस समीक्षा में यह भी कहा कि पेट्रोलियम सब्सिडी वर्ष 2018-19 में 18 हजार करोड़ रुपये और 2019-20 में 10 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. इन दोनों वर्षों के दौरान उर्वरक सब्सिडी 70-70 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
सरकार ने संसद में पेश अर्द्धवार्षिक समीक्षा में यह भी कहा है कि खाद्य सब्सिडी 2018-19 में 1.75 लाख करोड रपये और 2019-20 में दो लाख करोड़ रुपये की संभावना है. इसके अलावा, सरकार का राजस्व खर्च वित्त वर्ष 2018-19 में 19.99 लाख करोड़ और वित्त वर्ष 2019-20 में 22.06 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
गौरतलब है कि देश में रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को धीरे-धीरे समाप्त किये जाने को लेकर लगायी जा रही अटकलों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अभी दो दिन पहले ही कहा था कि कि सरकार की ओर से गरीबों की एलपीजी और केरोसिन तेल पर मिलने वाली सब्सिडी को फिलहाल समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है.
उन्होंने कहा था कि सरकार की घरेलू इस्तेमाल के लिए एलपीजी पर सब्सिडी समाप्त करने की कोई योजना नहीं है और गरीबों और आम लोगों के लिए एलपीजी और केरोसिन पर सब्सिडी जारी रहेगी. इसके साथ ही धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर में एलपीजी संकट से निपटने के लिए चटगांव से त्रिपुरा तक प्राकृतिक गैस के लिए पाइपलाइन बिछाने की खातिर उनके मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से बात की है. हम पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी से बांग्लादेश के पार्वतीपुर में डीजल के परिवहन के लिए पाइपलाइन बिछा रहे हैं.
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