शुक्रवार तक निपटा लें बैंक का काम, 12 अगस्‍त से चार दिनों तक बंद रहेंगे बैंक

नयी दिल्‍ली : अगर आपको बैंक से संबंधित कोई भी काम हो तो उसे शुक्रवार तक निपटा लें, नहीं तो आपको 16 अगस्‍त तक इंतजार करना होगा. हालांकि इस दौरान आपको कैश की किल्‍लत नहीं होगी. बैंक अधिकारियों का दावा है कि छुट्टी के दिनों में भी विभिन्‍न बैंकों के एटीएम में कैश की किल्‍लत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2017 6:52 PM

नयी दिल्‍ली : अगर आपको बैंक से संबंधित कोई भी काम हो तो उसे शुक्रवार तक निपटा लें, नहीं तो आपको 16 अगस्‍त तक इंतजार करना होगा. हालांकि इस दौरान आपको कैश की किल्‍लत नहीं होगी. बैंक अधिकारियों का दावा है कि छुट्टी के दिनों में भी विभिन्‍न बैंकों के एटीएम में कैश की किल्‍लत नहीं होगी. कुछ संयोग की वजह से बैंकों की छुट्टी लगातार चार दिनों तक रहेगी. 12 अगस्‍त से 15 अगस्‍त तक देश के अधिकतर बैंक बंद रहेंगे. 12 अगस्‍त को सेकेण्‍ड सटरडे की वजह से बैंक बंद रहेंगे.

दूसरे शनिवार की छुट्टी 12 अगस्‍त को होगी, जबकि 13 अगस्‍त को रविवार के कारण देशभर के बैंक बंद रहेंगे. वहीं कई राज्‍यों ने 14 अगस्‍त को श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर अवकास की घोषणा की गयी है. इस दिन भी बैंक बंद रहेंगे. 15 अगस्त को स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी सभी बैंक बंद रहेंगे. इस प्रकार बैंककर्मियों को जहां चार दिनों तक लगातार छुट्टी की सौगात मिलेगी, वहीं आम नागरिकों को परेशानी हो सकती है. हालांकि सरकार ये चाहती है कि लोग अपना अधिकतर काम ऑनलाइन करें, लेकिन सभी प्रकार की खरीदारी ऑनलाइन संभव नहीं है.

आपको बताते चलें कि एसबीआई सहित कई बैंकों के अधिकारियों का दावा है कि छुट्टी के दिनों में भी एटीएम में कैश की किल्‍लत नहीं होगी. दरअसल एटीएम में कैश फीड करने का काम बैंकों ने थर्ड पार्टी को दे रखा है. ऐसे में बैंकों की छुट्टी का असर एटीएम पर नहीं पड़ेगा. फिर भी बैंकों में छुट्टी होने के कारण एटीएम में लंबी कतार का सामना करना पड़ सकता है.

दूसरी ओर, बैंक कर्मचारी संघ ने पूरे देश में 22 अगस्त को हड़ताल करने का फैसला किया है. यह हड़ताल निजीकरण और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के खिलाफ किया जा रहा है. इसके साथ ही, बैंक कर्मचारियों की कुछ और भी मांगें हैं, जिसके चलते 22 अगस्त को इस देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है. इस बात की जानकारी खुद कर्मचारी संघ के ही एक नेता ने दी है.

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