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प्रभु की नयी ”माया”, भविष्य में ट्रेन में देख सकेंगे टीवी शो, सिनेमा और ले सकेंगे वाई-फाई का मजा

नयी दिल्लीः अगर आप लंबी यात्रा वाले ट्रेनों में सफर कर रहे हैं आैर आपको इन ट्रेनों में आॅनलाइन अपने मनपसंद चैनलों वीडियो देखने को मिल जाये, तो सफर के दौरान मनोरंजन करना आसान हो जायेगा. साथ ही, आपकी यात्रा भी उबाऊ नहीं होगी. जी हां,रेलमंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में रेलवे आपकी लंबी यात्रा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2017 11:47 AM

नयी दिल्लीः अगर आप लंबी यात्रा वाले ट्रेनों में सफर कर रहे हैं आैर आपको इन ट्रेनों में आॅनलाइन अपने मनपसंद चैनलों वीडियो देखने को मिल जाये, तो सफर के दौरान मनोरंजन करना आसान हो जायेगा. साथ ही, आपकी यात्रा भी उबाऊ नहीं होगी. जी हां,रेलमंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में रेलवे आपकी लंबी यात्रा को आसान आैर मनोरंजक बनाने की योजना पर अमल करना शुरू कर दिया है. अगर रेलवे की यह योजना सिरे चढ़ जाती है, तो जल्द ही आपको लंबी यात्रा की रेलगाड़ियों में मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराये जायेंगे.

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रेलवे ने लंबी यात्रा वाले ट्रेनों में सफर करने वालों को मनोरंजक वीडियो दिखाने के लिए वायरलेस इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि ट्रेनों में आॅनलाइन वीडियो के जरिये मनाेरंजन का साधन उपलब्ध कराने के लिए निविदाएं आमंत्रित किया है. इसमें बताया यह जा रहा है कि देश में लंबी यात्रा वाली करीब 3000 ट्रेनों में सवारियों को वीडियो के जरिये मनोरंजन कराने के लिए Viacom18, Zee, Hungama आैर Shemaroo ने अपना आवेदन किया है.

बताया जा रहा है कि सवारियों को वीडियो कंटेंट उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेलवे के अधीन काम करने वाले इसके गैर किराया राजस्व प्रकोष्ठ की आेर से योजना तैयार की गयी है. इस योजना के तहत रेलगाड़ियों में सफर करने वाले यात्री अपने मोबाइल फोन को रेलवे के नेटवर्क से जोड़कर आसानी से आॅनलाइन वीडियो, सीरियल आैर सिनेमा आदि देख सकते हैं.

रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे की आेर से इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए आॅनलाइन वीडियो देने वाली कंपनियों के साथ बैठक की गयी, जिसमें उन्होंने निविदा में आवेदन करने के प्रति अपनी रुचि दिखायी. उनका कहना है कि अगले महीने से ये कंपनियां अपनी सेवाएं देना शुरू कर देंगी.

रेलवे का कहना है कि रेलगाड़ियों में वार्इफार्इ सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनों को दो बराबर-बराबर भागों में बांटा गया है. उनका कहना है कि इस योजना पर रेलवे को करीब 500 करोड़ रुपये सालाना गैर-किराया राजस्व के रूप में आमदनी होगी. बताया यह भी जा रहा है कि करीब-करीब 24 एेसी कंपनियां हैं, जिन्होंने आगे आकर अपनी रुचि दिखायी है. उनका यह भी कहना है कि रेलगाड़ियों में वीडियो कंटेंट देने वाली कंपनियों को बाकायदा लाइसेंस जारी किया जायेगा.

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