नयी दिल्लीः एस्सार ऑयल ने अपना कारोबार रुसी कंपनी रोसनेफ्ट को 12.9 अरब डॉलर में बेचने का सौदा पूरा किया. एस्सार समूह ने अपनी गुजरात स्थित रिफाइनरी रूस की रोसनेफ्ट को बेचने की आखिरी बाधा पहले ही दूर कर लिया था. इस साल के जून महीने में ही कंपनी को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) समेत अन्य ऋणदाताओं ने उसे इस सौदे के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी. हालांकि, उस समय कहा यह जा रहा था कि यह सौदा जुलार्इ महीने की शुरुआत में पूरा हो जायेगा.
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हालांकि, कंपनी पर एलआईसी का करीब 1,200 करोड़ रुपये का कर्ज है. पिछले साल गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन से अलग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में 15 अक्तूबर को इस सौदे पर हस्ताक्षर किये गये थे.
सूत्रों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व वाले 23 ऋणदाताओं के संयुक्त समूह ने भी पहले ही इस सौदे की मंजूरी दे दी है. उन लोगों ने रोसनेफ्ट को हिस्सेदारी बेचने के लिए एस्सार ऑयल के शेयरों को जारी करने के लिए अधिकृत किया है.
एस्सार ऑयल गुजरात के वाडीनार में 2 करोड़ टन सालाना क्षमता वाली रिफाइनरी का संचालन करती है. सौदे में इस रिफाइनरी के साथ कंपनी के 3,500 पेट्रोल पंपों की बिक्री भी शामिल है. वाडीनार रिफाइनरी देश के कुल रिफाइनरी उत्पादन का नौ प्रतिशत उत्पादित करती है.
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