अब अग्रिम भुगतान नहीं, स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद 16 साल में पैसा चुकायेंगी टेलिकॉम कंपनियां!
नयी दिल्ली: टेलीकॉम सेक्टर में बने वित्तीय दबाव को कम करने के लिए गठित अंतर मंत्रालयी समूह क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किश्तों में किये जाने वाले स्पेक्ट्रम भुगतान की समय सीमा को और बढाकर 16 साल करने का सुझाव दे सकता है. यह उन तमाम प्रस्तावों में से एक है, जिस पर समूह में ‘आम […]
नयी दिल्ली: टेलीकॉम सेक्टर में बने वित्तीय दबाव को कम करने के लिए गठित अंतर मंत्रालयी समूह क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किश्तों में किये जाने वाले स्पेक्ट्रम भुगतान की समय सीमा को और बढाकर 16 साल करने का सुझाव दे सकता है. यह उन तमाम प्रस्तावों में से एक है, जिस पर समूह में ‘आम सहमति ‘ बन गयी है.
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इससे पहले समूह की बैठक 11 अगस्त को हुई थी, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर विमर्श किया गया था. यह दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय समस्याओं को कम करने में कारगर हो सकते हैं. समूह कंपनियों द्वारा स्पेक्ट्रम राशि के भुगतान की सीमा को बढ़ाकर 16 करने का सुझाव दे सकता है, जबकि वर्तमान व्यवस्था में कंपनियों को दूरसंचार विभाग को अग्रिम भुगतान करना होता है और बाकी राशि को दो साल के स्थगन के बाद 10 किश्तों में हर साल भुगतान करना होता है.
समूह के दो सदस्यों ने कहा कि विलय और अधिग्रहण की स्थिति में एक विशेष बैंड के स्पेक्ट्रम की 50 फीसदी सीमा रखे जाने के विवादास्पद मुद्दे पर इस उच्च-शक्ति प्राप्त समूह ने कोई सुझाव नहीं दिया और संभावित तौर पर इस मसले को दूरसंचार नियामक ट्राई को विचार के लिए भेज सकता है.
एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में समूह को रिपोर्ट बनाने में एक या दो दिन का समय लगेगा और समूह इस हफ्ते में भी बैठक करने की ‘कोशिश ‘ करेगा. समूह के सदस्य ने कहा कि समूह अपनी रिपोर्ट को 27 अगस्त तक अंतिम रूप देने का प्रयास करेगा. कई मामलों पर सहमति बन चुकी है, जिसमें स्पेक्ट्रम के लिए राशि भुगतान करने की समय सीमा बढ़ाया जाना भी शामिल है. साथ ही, स्पेक्ट्रम शुल्क एवं लाइसेंस शुल्क से संबंधित जुर्माना भुगतान और ब्याज के लिए पीएलआर (प्राइम ब्याज दर) से एमसीएलआर (कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर) को अपनाने के मुद्दे पर भी सहमति बन गयी है.
स्पेक्ट्रम भुगतान मामले पर समूह की ओर से मंगलवार को बैठक आयोजित की गयी थी. दूरसंचार आयोग की बैठक एक सितंबर को होना है, जिसमें समूह की रिपोर्ट को रखा जायेगा. इस समूह में वित्त एवं संचार मंत्रालय के विभिन्न वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं. मंगलवार की बैठक में शामिल समूह के दो सदस्यों ने कहा कि स्पेक्ट्रम सीमा प्रस्ताव पर विचार के लिए ट्राई की राय मांगी गयी है.
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