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नोएडा अथाॅरिटी ने फ्लैट खरीदारों को दी बड़ी राहत, 1 सितंबर से मिलेगा आशियाना

नोएडाः नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए गुरुवार को एक योजना की घोषणा की है, जिसके तहत बिल्डर को प्राधिकरण को देय बकाया राशि का कुछ हिस्सा जमा कराने के बाद परियोजना के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र जारी कर दिया जायेगा. इससे बिल्डर को तैयार फ्लैटों के लिए रजिस्टरी कराने की […]

नोएडाः नोएडा प्राधिकरण ने फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए गुरुवार को एक योजना की घोषणा की है, जिसके तहत बिल्डर को प्राधिकरण को देय बकाया राशि का कुछ हिस्सा जमा कराने के बाद परियोजना के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र जारी कर दिया जायेगा. इससे बिल्डर को तैयार फ्लैटों के लिए रजिस्टरी कराने की अनुमति मिल जायेगी. ऐसे में उन खरीदारों को फायदा होगा, जिनके फ्लैट बनकर तैयार हैं, लेकिन बिल्डर द्वारा प्राधिकरण के बकाये का भुगतान नहीं करने की वजह से उन्हें फ्लैट का आवंटन नहीं हो पा रहा है. योजना एक सितंबर से 30 नवंबर तक खुली रहेगी.

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नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के अमल में आने से करीब 20 हजार फ्लैट खरीदारों को फायदा पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट जो पूरी तरह से तैयार है और बिल्डर ने सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया है, लेकिन बिल्डर के पर प्राधिकरण का बकाया होने के कारण उन्हें अधिभोग प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है, उनके लिए यह योजना निकाली गयी है.

बिल्डर यदि प्राधिकरण का उन पर बकाया राशि का 10 फीसदी जमा करा देते हैं, तो उन्हें आधी परियोजना का अधिभोग प्रमाणपत्र जारी कर दिया जायेगा. उसमें बिल्डर जितने फ्लैट की रजिस्टरी कराना चाहते हैं, उनके लिए प्रति फ्लैट के हिसाब से बकाया राशि का भुगतान कर रजिस्टरी करायी जा सकती है. अधिकारी ने बताया कि जिन फ्लैट के खरीदारों ने पूरा भुगतान कर दिया है, बिल्डर उनसे अतिरिक्त राशि नहीं वसूल सकता है. उनके फ्लैट के लिए प्राधिकरण को बकाया राशि का भुगतान बिल्डर को ही करना होगा.

उन्होंने बताया कि इससे करीब 20,000 खरीदारों को राहत मिलेगी. करीब 39 प्रोजैक्ट हैं, जो पूरी तरह बनकर तैयार है, लेकिन उनके पर प्राधिकरण का बकाया होने की वजह से उन्हें प्राधिकरण से मंजूरी नहीं मिल पायी है. गुरुवार के फैसले के बाद इन 39 परियोजनाओं के लिए अधिभोग प्रमाण पत्र मिलने का रास्ता खुल जायेगा. उन्होंने बताया कि 39 प्रोजैक्ट्स में से 16 में कुछ कमियां पायी गयी थीं, जिसकी वजह से अधिभोग प्रमाणपत्र का आवेदन खारिज कर दिया गया था. इन परियोजनाओं के बिल्डर यदि अपनी कमियों को ठीक करते हुए नये सिरे से आवेदन करते हैं, तो उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जायेगा.

प्रसाद ने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर एक प्रोजेक्ट में 10 टावर है और बिल्डर पर सौ करोड़ बकाया है, तो वह 10 फीसदी के हिसाब से प्राधिकरण में 10 करोड़ रुपये जमा करायेगा, जिसके बाद उसे आधे यानी एक से पांच तक टावर की एनओसी दे दी जायेगी. उन्होंने बताया कि इन पांच टावरों में अगर 400 फ्लैट है, तो वर्तमान में वसूले जाने वाली 65 फीसदी धनराशि अर्थात 65 करोड़ को 400 फ्लैटों में विभाजित किया जायेगा. इस प्रकार प्रति फ्लैट देय राशि 16 लाख, 25 हजार रुपये हो जायेगी.

सीईओ ने कहा कि अगर बिल्डर 10 फ्लैट की रजिस्टरी कराना चाहता है, तो प्रति फ्लैट 16.25 लाख रुपये के हिसाब से वह एक करोड़ 60 लाख रुपया जमा कराकर फ्लैट की रजिस्टरी करा सकता है. उन्होंने बताया कि जिन खरीदारों ने पूरा पैसा दे दिया है, उनसे बिल्डर अतिरिक्त धनराशि नहीं वसूल सकता. बकाया राशि बिल्डर को ही देनी होगी. उन्होंने बताया कि नोएडा में 39 प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो पूर्ण रूप से बनकर तैयार हैं, उनके ऊपर प्राधिकरण का बकाया है. इस वजह से प्राधिकरण का लेखा विभाग उन्हें प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहा है. गुरुवार के फैसले बाद 39 प्रोजेक्टों के अधिभोग प्रमाण पत्र मिलने के रास्ते खुल जायेंगे.

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