इंफोसिस टेक्नोलाॅजी के चेयरमैन बनाये गये नंदन नीलेकणि, आर शेषसायी आैर रवि वेंकटेशन ने दिया इस्तीफा

हैदराबादः देश में आर्इटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी इंफोसिस टेक्नोलाॅजी ने नंदन नीलेकणि को चेयरमैन बनाने का एेलान किया है. इसके साथ ही कंपनी के निवर्तमान चेयरमैन आर शेषसायी आैर को-चेयरमैन रवि वेंकटेशन ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. नंदन नीलेकणि का कंपनी के चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति किये जाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2017 9:13 PM

हैदराबादः देश में आर्इटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी इंफोसिस टेक्नोलाॅजी ने नंदन नीलेकणि को चेयरमैन बनाने का एेलान किया है. इसके साथ ही कंपनी के निवर्तमान चेयरमैन आर शेषसायी आैर को-चेयरमैन रवि वेंकटेशन ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. नंदन नीलेकणि का कंपनी के चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति किये जाने के बाद पूर्व सीर्इआे विशाल सिक्का, जेफरी एस लेहमन, जाॅन एचमेंडी ने भी तत्काल प्रभाव से इंफोसिस के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि कंपनी ने इन सबके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है.

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हालांकि, इस बात की अटकलें पहले से ही लगायी जा रही थी कि इंफोसिस के प्रमोटरों आैर प्रबंधन के बीच चल रहे खींचतान की वजह से विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद नंदन नीलेकणि को कंपनी का चेयरमैन बनाया जा सकता है. बुधवार को इंफोसिस के चेयरमैन के रूप में नंदन नीलेकणि को बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी थी. बुधवार को कंपनी के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) वी बालकृष्णन ने नंदन नीलेकणि को कंपनी का चेयरमैन बनाये जाने का संकेत दे दिया था. उन्होंने कहा था कि मौजूदा स्थिति में अपने अनुभव और ग्राहकों की समझ की वजह से नीलेकणि संगठन की अगुआई करने के लिए एक ‘अच्छा चेहरा ‘ हो सकते हैं.

गौरतलब है कि आधार ‘ परियोजना को लेकर चर्चा में रहे नीलेकणि मार्च 2002 से अप्रैल 2007 तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे. उसके बाद वह केंद्र सरकार के भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के प्रमुख बनाये गये. पिछले सप्ताह इंफोसिस के पहले गैर-संस्थापक सीईओ विशाल सिक्का ने कंपनी के संस्थापक-प्रवर्तकों के साथ संबंध बिगड़ने के चलते अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया.

कंपनी के 12 कोष प्रबंधकों ने एक संयुक्त पत्र में कहा था कि हालिया घटनाक्रम काफी चिंता का विषय है. सूत्रों के अनुसार, यह पत्र अन्य लोगों के अलावा इंफोसिस के चेयरमैन को भी लिखा गया था. उन्होंने कहा था कि प्रत्येक अंशधारक चाहे वह ग्राहक हो, शेयरधारक या कर्मचारी हो, उसका नीलेकणि में विश्वास है.

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