नयी दिल्ली : नयी नौकरियां पैदा करने में विफल रही केंद्र सरकार को नीति आयोग ने कुछ सुझाव दिये हैं. आयोग ने रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए तटीय क्षेत्रों में कोस्टल एम्लॉयमेंट जोन बनाने का सुझाव दिया है. जोन में दस हजार रोजगार देने वाली कंपनियों को जीएसटी में तीन साल की और बीस हजार नौकरियां देने वाली कंपनियों को छह साल की छूट देने का सुझाव दिया गया है. नीति आयोग ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा भारत में नौकरियां कम पैदा हो रही है क्योंकि कंपनियां अपना निवेश वैसे जगह नहीं कर रही हैं . जहां से नौकरियां पैदा हो सके. गौरतलब है कि नीति आयोग ने तीन साल का एक्शन प्लान जारी किया है. इस एक्शन प्लान के अनुसार भारत में आने वाले सालों में 8 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ दर्ज की जा सकती है.
गारमेंट, फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक्स पर जोर सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग का कहना है कि कोस्टल एंप्लॉयमेंट जोन में रोजगार देने वाले गारमेंट, फुटवियर और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को यह सुविधा दी जा सकती है. आयोग ने कहा कि अगले 2-3 वर्षों में देश 8 प्रतिशत से ज्यादा विकास दर हासिल कर सकता है. इसलिए आने वाले दशक में गरीबी कम होने की अच्छी संभावना है.
नीति आयोग ने वित्तीय सेवा पर जोर देते हुए कहा है कि अगर घरेलु बचत बढ़ने से लोग समृद्ध होंगे. देश के बैंकिग सेक्टर का 73 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकारी बैंकों का है. मंदी के बाद से भारत के अर्थव्यवस्था को लगातर एनपीए के चुनौती से जूझना पड़ रहा है. अपने रिपोर्ट में नीति आयोग ने बेरोजगारी और कम सैलेरी वाली नौकरी को देश की सबसे बड़ी समस्या के रूप में उल्लेख किया है. कुछ दशकों से देश के बेरोजगारी दर स्थिर है. आइएमएफ के मुताबिक 2015 में भारत में प्रति व्यक्ति आय 1,604 डॉलर था वहीं चीन में 8,141 डॉलर थे. उत्पादकता के दृष्टिकोण से भी देखा जाये तो भारत चीन के मुकाबले तीन गुना पीछे हैं. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में चीन के श्रमिकों की आय भारत की तुलना में तिगुना है.
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