आंगनबाड़ी, आशा व मिडडे मिल वर्कर्स का भी जमा होगा PF, 62 लाख वर्कर्स को होगा फायदा
नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताआें, आशा आैर मिड डे मिल वर्कर्स को भी भविष्य निधि का लाभ देने की तैयारी में है. इससे देशभर में करीब 62 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताआें, आशा आैर मिड डे मिल वर्कर्स को लाभ होगा. इनके लिए काम करने वाली एक संस्था ने सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी सीबीटी को […]
नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताआें, आशा आैर मिड डे मिल वर्कर्स को भी भविष्य निधि का लाभ देने की तैयारी में है. इससे देशभर में करीब 62 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताआें, आशा आैर मिड डे मिल वर्कर्स को लाभ होगा. इनके लिए काम करने वाली एक संस्था ने सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी सीबीटी को एक ज्ञापन दिया है. सीबीटी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है.
वहीं जानकारी मिली है कि इपीएफआे इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रहा है. आपको बता दें कि नियमित कर्मचारियों की तरह 8 घंटे से अधिक काम करने के बावजूद इनलोगों को वॉलंटियर समझा जाता है और काम के मुताबिक मानदेय दिये जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में महिला के प्रसव से लेकर बच्चे की देखरेख और उनकी प्राथमिक शिक्षा तक में इनका बड़ा योगदान होता है. इसके अलावा जनगणना जैसे अन्य सरकारी कामों का बोझ भी इनके कंधों पर डाला जाता है.
ऐसे में सरकार इनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इन्हें पीएफ के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. प्रस्ताव के अनुसार इन्हें मिलने वाले भत्ते का 10 फीसदी हिस्सा पीएफ में जमा होगा जबकि बाकी का हिस्सा यानि एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन सरकार देगी. 30 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है.
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