नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नयी माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत महंगीबड़ी कारों और एसयूवी पर उपकर बढाने के लिए अध्यादेश लाने को आज मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल के समक्ष इस तरह की कारों पर उपकर को मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक सूत्र ने बताया, ‘ ‘ऊंची दर से उपकर लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है. ‘ ‘ बाद में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी प्रेस कान्फ्रेंस में इस फैसले की जानकारी दी. जीएसटी परिषद ने पांच अगस्त को हुई अपनी बैठक में एसयूवी, मध्यम एवं बड़े आकार की लक्जरी कारों पर उपकर बढाने को मंजूरी दे दी थी. जीएसटी लागू होने के बाद इन वाहनों के दाम कम हो गये. बहरहाल, उपकर बढाने के लिए जीएसटी (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम 2017 की धारा आठ में संशोधन करना होगा. जीएसटी लागू होने से पहले लक्जरी कारों पर सबसे ज्यादा कर की दर 52 से लेकर 54.72 प्रतिशत तक थी. इसमें 2.5 प्रतिशत केंद्रीय बिक्री कर और चुंगी का शामिल किया गया था.
इसके विपरीत जीएसटी लागू होने के बाद ऐसे वाहनों पर अधिकतम कर की दर 43 प्रतिशत रह गयी है. इसलिए कर की दर को जीएसटी-पूर्व के स्तर तक लाने के लिये उच्चतम क्षतिपूर्ति उपकर की दर को 25 प्रतिशत तक करना होगा.
यही वजह है कि जीएसटी लागू होने के बाद ज्यादातर एसयूवी वाहनों के दाम 1.1 लाख से लेकर तीन लाख रपये तक कम कर दिये गये. देश में जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू हो गया है. जीएसटी में केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले करीब एक दर्जन करों को समाहित कर लिया गया है. बहरहाल, उपकर बढने के बाद लक्जरी और एसयूवी वाहनों के दाम में की गयी कटौती वापस हो सकती है. जीएसटी कानून में लक्जरी सामानों जैसे की कार और दूसरे अहितकर उत्पाद जैसे की तंबाकू आदि पर जीएसटी के अलावा उपकर लगाया गया है ताकि राज्यों को होने वाले संभावति राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके..
जीएसटी के बाद इन व्हीकल्स पर अतिरिक्त सेस भी लागू किया जा चुका है. मौजूदा समय में एसयूवी और टॉप एंड लग्जरी गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी के साथ कुल 43 फीसदी टैक्स लगता है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद सेस के साथ इन गाड़ियों पर टैक्स बढ़कर 53 फीसदी हो जायेगा. एसयूवी और टॉप एंड कार पर टैक्स बढ़ाने से सरकार को हाइब्रिड कार पर बढ़ाये गये टैक्स को लेकर हो रहे विरोध के कम होने की उम्मीद है. जीएसटी लागू होने के बाद से हाइब्रिड कार पर सबसे ज्यादा टैक्स लगता था.
4 मीटर की लंबाई वाली छोटी पेट्रोल और 1,200 सीसी इंजन की क्षमता वाली गाड़ियों पर 1 फीसदी सेस लगाया गया है, जबकि इसी लंबाई और 1,500 सीसी क्षमता वाली डीजल गाड़ियों पर 3 फीसदी का सेस तय किया गया है. अभी मिड साइज की बड़ी कारों या SUV पर सेस 15 फीसदी है, जिसकी वजह से जीएसटी लागू होने के बाद कुछ मॉडल्स के दाम में कमी आयी थी.
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