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मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने थामी जीडीपी की रफ्तार, तीन साल के निचले स्तर पर पहुंचा

नयी दिल्ली : सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़ों ने निराश किया है. अप्रैल-जून के पहले क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.7 प्रतिशत रही है, जो तीन साल में सबसे कम है. पिछले वित्तवर्ष में इसी क्वार्टर में जीडीपी 7.9 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी थी. कृषि, सर्विस, मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्री जैसे सेक्टरों में अच्छी […]

नयी दिल्ली : सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़ों ने निराश किया है. अप्रैल-जून के पहले क्वार्टर में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.7 प्रतिशत रही है, जो तीन साल में सबसे कम है. पिछले वित्तवर्ष में इसी क्वार्टर में जीडीपी 7.9 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी थी. कृषि, सर्विस, मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्री जैसे सेक्टरों में अच्छी गिरावट दर्ज की गयी है.

इस अवधि में जीडीपी के आंकड़ाें में गिरावट को मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर ने लीड किया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ इस अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 10.7 से गिरकर 1.2 प्रतिशत हो गया. इसी तरह वित्त, इंश्योरेंस, रियल इस्टेट सेक्टर में ग्रोथ पिछले साल के 9.4 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 6.4 प्रतिशत हो गया. सिर्फ सर्विस सेक्टर का ग्रोथ नौ प्रतिशत से गिरकर 8.7 प्रतिशत, इंडस्ट्री सेक्टर का ग्रोथ 7.4 प्रतिशत से गिर कर 1.6 प्रतिशत, कृषि सेक्टर का ग्रोथ 2.5 प्रतिशत से गिर कर 2. 3 प्रतिशत हो गया.

ध्यान रहे कि जनवरी-मार्च क्वार्टर में भी नोटबंदी के कारण जीडीपी के नंबर गिरे थे और वह 6.1 प्रतिशत पर आ गया था. आज आये जीडीपी के आंकड़े जीएसटी को लागू होने के लेकर अनिश्चितता व संशय की ओर इंगित करते हैं. इस साल एक जुलाई को देश में जीएसटी लागू हुआ है.

मार्च 2016 के बाद प्रत्येक क्वार्टर में जीडीपी के आंकड़े गिरे हैं. इस साल जनवरी-मार्च में ही भारत के जीडीपी नंबर में आयी गिरावट के बाद वह चीन के 6.9 प्रतिशत जीडीपी से नीचे हो गया था. आज आये आंकड़े के बाद सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था का टैग लेकर आर्थिक मोर्चे पर बनना मुश्किललगरहा है.

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