नयी दिल्ली: गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आर्थिक आंकड़ों के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जतायी है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अपने निचले स्तर को छू चुकी है, ऐसे में चालू वित्त वर्ष (2017-18) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की सात फीसदी की वृद्धि दर हासिल हो जायेगी. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार तथा बेहतर मॉनसून से जीडीपी वृद्धि मे आगामी तिमाहियों में मदद मिलेगी.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि यदि देश को सालाना वृद्धि दर के लक्ष्य को पाना है, तो आगामी तिमाहियों में वृद्धि दर बेहतर रहना ज:री है. आर्थिक समीक्षा में 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.75 से 7.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति हमारे अनुमान से अधिक तेजी से सुधर रही है. सार्वजनिक निवेश निश्चित रूप से ऊंचा रहेगा, क्योंकि राजस्व का रख सकारात्मक है.
पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों पर चिंता जताते हुए जेटली ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अपने निचले स्तर तक पहुंच चुकी है. इसकी वजह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन है. जीएसटी से पहले स्टॉक निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, जीएसटी के परिचालन में आने के बाद जहां तक विनिर्माण का सवाल है, यह अपने निचले स्तर तक पहुंच चुका है. यह इससे नीचे नहीं जायेगा.
जेटली ने कहा कि हम निश्चित रूप से कम वृद्धि को लेकर चिंतित हैं. यह पूछे जाने पर क्या 2017-18 में 7 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की जा सकती है, जेटली ने कहा कि मैं इसकी उम्मीद करता हूं. जीएसटी से पहले स्टॉक निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है. जेटली ने उम्मीद जतायी कि सेवा क्षेत्र की स्थिति सुधरेगी और निवेश बढ़ने के भी संकेत हैं.
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