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इन्फोसिस में जंग : पूर्व चेयरमैन शेषसायी ने नारायणमूर्ति पर बोला हमला

नयी दिल्ली : इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन आर शेषसायी ने कंपनी के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति द्वारा उन पर ‘ ‘व्यक्तिगत हमला ‘ ‘ करने ‘ ‘झूठे और बदनाम करने वाले आरोप लगाने ‘ ‘ केलिए उन्हेंआड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि नारायणमूर्ति की उनके खिलाफ लगातार […]

नयी दिल्ली : इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन आर शेषसायी ने कंपनी के सह-संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति द्वारा उन पर ‘ ‘व्यक्तिगत हमला ‘ ‘ करने ‘ ‘झूठे और बदनाम करने वाले आरोप लगाने ‘ ‘ केलिए उन्हेंआड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि नारायणमूर्ति की उनके खिलाफ लगातार बदले की भावना रखने के पीछे क्या वजह है.

नारायणमूर्ति और कंपनी के अन्य सह-संस्थापकों द्वारा संस्थागत निवेशकों के साथ उनके साथी रहे नंदन नीलेकणि को कंपनी में वापस लाने के लिए अभियान चलाये जाने के बाद शेषसायी और तीन अन्य निदेशकों ने हाल ही में कंपनी के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया. शेषसायी ने कहा कि इन्फोसिस के बारे में कोई भी वक्तव्य देते समय उन्होंने चीजों को स्पष्ट तौर और पूरी सचाई के साथ रखा है. शेषसायी ने कहा कि इस सप्ताह के शुरू में एक निवेशक कॉल में नारायणमूर्ति द्वारा उन पर व्यक्तिगत हमला करने और पूरी तरह से झूठे और बदनाम करने वाले आरोप लगाने के बाद उन्हें अपनी बात रखने केलिए मजबूर होनापड़ा है.

उन्होंने कहा, ‘ ‘इन्फोसिस निदेशक मंडल से इस्तीफा देने के बाद उकसाने के बावजूद भी मैं कोई सार्वजनिक वक्तव्य जारी करने से दूर रहा हूं. क्योंकि मैं चाहता हूं कि कंपनी आगेबढ़े और बीती बातों की वजह से उस पर बुरा असर नहींपड़े. ‘ ‘ नीलेकणि के इन्फोसिस का चेयरमैन नियुक्त होने के बाद नारायणमूर्ति ने 29 अगस्त को कहा कि उनकी कंपनी के पिछले निदेशक मंडल के साथ कंपनी संचालन को लेकर चिंता रही है. तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव बंसल को कंपनी छोड़ने पर भारी राशि दिये जाने पर भी उन्होंने चिंता जताई.

शेषसायी ने कहा कि मूर्ति के निवेशकों के समक्ष वक्तव्य में ‘शब्दों को भ्रमित करते हुए’ ‘ उन्हें निशाना बनाया गया है. शब्दों का गलत मतलब निकाला गया है और यह बताने का प्रयास किया है कि उन्होंने (शेषसायी) झूठ बोला है. मूर्ति ने निवेशक कॉल में कहा है कि शेषसायी ने 14 अक्तूबर को उन्हें बताया कि बंसल को ज्यादा धन देने के मामले में बोर्ड ने सहमति जता दी है. बोर्ड ने उनके प्रति उदारता दिखाई है.

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