नयी दिल्लीः दो महीने के भीतर पेट्रोल के दाम में 6.60 रुपये प्रति लीटर के इजाफे के बावजूद सरकार दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन की व्यवस्था जारी रखेगी. सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री ध्रमेंद्र प्रधान ने कहा कि कीमतों में रोजाना परिवर्तन की व्यवस्था से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत कम होने का ग्राहकों को तत्काल फायदा मिलता है. इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई अचानक वृद्धि के तत्काल असर से भी यह ग्राहकों को बचाता है, क्योंकि इसके तहत घरेलू स्तर पर कीमतों में कई बार में क्रमवार वृद्धि की जाती है.
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पेट्रोलियम मंत्री प्रधान को रविवार को पदोन्नत करके काबीना मंत्री बनाया गया है. साथ ही, उन्हें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. पहले प्रधान के पास पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय का राज्यमंत्री के तौर पर स्वतंत्र प्रभार था. कौशल विकास मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि रोजाना कीमत परिवर्तन ग्राहकों के हित में है. मुझे नहीं लगता कि इसमें बदलाव की जरूरत है.
प्रधान ने कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को कुशल बनाने और उनमें उद्यमिता कौशल विकसित करने की अपनी मुहिमों को तेज करेगी. उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए पारिस्थितिकी का निर्माण उनकी प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि हर साल श्रम बाजार में 10 लाख नये युवा आते हैं. हमारी कोशिश राज्य सरकारों और अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल कर उनके लिए रोजगार के अवसर खोजने की होगी.
उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने जून में 15 साल पुरानी उस व्यवस्था को अलविदा कह दिया था, जिसमें हर महीने की पहली और 16 तारीख को ईंधन की कीमतों में बदलाव किया जाता था. इसके स्थान पर उन्होंने प्रतिदिन कीमत बदलाव की गतिशील व्यवस्था को अपनाया था. इसके बाद पहले पखवाड़े में कीमतें घटी थीं, लेकिन तीन जुलाई के बाद इसमें वृद्धि हुई और दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 6.6 रुपये बढ़कर 69.66 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 4.02 रुपये बढ़कर 57.38 रुपये प्रति लीटर हो गयी है. यह अगस्त, 2014 के बाद हुई सबसे बड़ा इजाफा है.
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