नयी दिल्लीः इस साल बेहतर माॅनसून के चलते चालू खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष के 13 करोड़ 80 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर बने रहने की उम्मीद है. कृषि सचिव एस के पटनायक ने सोमवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि बिहार, असम, गुजरात और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में बाढ़ के कारण चिंता करने की कोई बात नहीं है. पटनायक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन के पिछले वर्ष के स्तर पर बने रहने की उम्मीद है. फसल की स्थिति बेहतर है और उत्पादकता अधिक होगी. देश के कुछ भागों में बाढ़ के बारे में पूछने पर सचिव ने कहा कि क्षति का आकलन किया जा रहा है और राज्यों से प्राप्त सूचना के अनुसार करीब 38 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि इससे प्रभावित हुई है.
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हालांकि पटनायक ने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है. इससे हमारा खाद्य उत्पादन का लक्ष्य नहीं बदलेगा. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित राज्यों में पानी के स्तर के घटने के बाद अल्पावधि वाले फसलों की खेती किये जाने की संभावना है. कुछ राज्यों में सूखे की स्थिति के बारे में सचिव ने सूचित किया कि कर्नाटक में देर से बरसात हुई है, जबकि तमिलनाडु में माॅनसून के समाप्ति की ओर जाने पर बरसात हुई.
बुआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अभी तक धान बुआई का रकबा घटकर 366.30 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो रकबा पिछले वर्ष इसी अवधि में 372.03 लाख हेक्टेयर था. इसी प्रकार दलहन बुआई का रकबा कम यानी 137.61 लाख हेक्टेयर है, जो रकबा पिछले वर्ष इसी अवधि में 143.08 लाख हेक्टेयर था. मोटे अनाज की बुआई का रकबा पहले के 183.44 लाख हेक्टेयर से घटकर अब 180.60 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि तिलहन फसलों की बुआई का रकबा पिछले सप्ताह शुक्रवार तक घटकर 166.80 लाख हेक्टेयर रह गया, जो रकबा पिछले वर्ष इस दौरान 180.81 लाख हेक्टेयर था.
नकदी फसलों में गन्ने की बुआई का रकबा पहले के 45.64 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 49.88 लाख हेक्टेयर हो गया. इसी प्रकार कपास की बुआई का रकबा भी पहले के 101.72 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 119.88 लाख हेक्टेयर हो गया. खरीफ फसलों की कुल बुआई का रकबा अभी कम यानी 1,028.14 लाख हेक्टेयर है, जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 1,034.28 लाख हेक्टेयर था.
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