कॉल ड्राप रेट 11 महीने के टॉप पर, बिहार और झारखंड टॉप फाइव में शामिल
नयी दिल्ली : कॉल ड्रॉप के मामले में हकीकत सरकारी दावों के बिल्कुल अलग है. ट्राइ की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में कॉल ड्राप रेट 0.75 प्रतिशत के लेवल पर पहुंच गया, जो पिछले 11 महीने में सबसे अधिक है. यह पिछले साल 0.77 प्रतिशत पर था. हालांकि संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था […]
नयी दिल्ली : कॉल ड्रॉप के मामले में हकीकत सरकारी दावों के बिल्कुल अलग है. ट्राइ की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में कॉल ड्राप रेट 0.75 प्रतिशत के लेवल पर पहुंच गया, जो पिछले 11 महीने में सबसे अधिक है. यह पिछले साल 0.77 प्रतिशत पर था. हालांकि संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था कि पिछले एक साल में कॉल ड्रॉप में आठ प्रतिशत की कमी आयी है.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक
पांच राज्यों-मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और असम में कॉल ड्रॉप औसत से अधिक है. यहां कॉल ड्रॉप 1 से दो प्रतिशत के लेवल पर है, जबकि औसत लेवल 0.75 है.
कॉल ड्रॉप रेट: ये है हाल
एमटीएनएल-3.91
बीएसएनएल-1.60
एयरसेल- 0.99
वोडाफोन-0.74
टेलीनॉर-0.74
एयरटेल-0.69
आइडिया-0.69
एमटीएस-0.39
रिलायंस-0.17
क्या कहता है नियम
दो प्रतिशत बेंचमार्क होना चाहिए. तीन प्रतिशत के लेवल से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसके बाद भी कॉल ड्रॉप की शिकायतें लगातार मिल रही हैं.
जुर्माना : कंपनियों पर पांच लाख रुपये तक का प्रावधान है.
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