नयी दिल्ली: लोक लेखा समिति (पीएसी) के कुछ सदस्यों ने एयर इंडिया में प्रस्तावित विनिवेश का शुक्रवार को विरोध किया है. उसने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रही है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने नागर विमानन मंत्रालय और एयर इंडिया के अधिकारियों के साथ एयरलाइन को पटरी पर लाने की योजना पर बातचीत की.
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सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों ने एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश का विरोध किया और इस निर्णय पर मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा. सदस्य यह जानना चाहते हैं कि पटरी पर लाने की योजना के तहत धन प्राप्त करने वाली एयरलाइन जब अपेक्षाकृत बेहतर कर रही है, विनिवेश के निर्णय के पीछे क्या कारण है. कुछ सदस्यों ने एयरलाइन को राहत के रूप में दी गयी राशि के बारे में जानना चाहा. बैठक में नागर विमानन सचिव आरएन चौबे समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
पूर्व यूपीए सरकार ने 2012 में एयरलाइन को पटरी पर लाने की योजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत 2021 तक 30,231 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी उपलब्ध करायी जानी थी, जो कंपनी के कामकाज पर निर्भर था. योजना के तहत लागत और नुकसान को कम करने के लिए कई कदम उठाये गये. इसमें मार्गों को युक्तिसंगत बनाना तथा नये बेड़े का बेहतर उपयोग शामिल हैं.
समिति ने नागर विमानन मंत्रालय और एयर इंडिया से एयरलाइन को पटरी पर लाने की योजना और वित्तीय पुनर्गठन योजना के बारे में जानकारी ली. घाटे में चल रही एयर इंडिया को पटरी पर जाने के प्रयासों के तहत मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने जून में एयरलाइन में रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह विनिवेश के तौर-तरीकों पर काम कर रहा है. पीएसी नीति आयोग, मंत्रिमंडल सचिवालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से भी इस मामले में समिति के समक्ष पेश होने को कहेगा.
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