GST में महंगी होंगी मीडियम और लग्जरी कारें, धूप बत्ती-झाड़ू समेत 30 वस्तुएं होंगी सस्ती
हैदराबाद: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शनिवार यहां हुई बैठक में लिये गये फैसले के बाद मध्यम श्रेणी के साथ-साथ लग्जरी और स्पोर्ट्स यूटिलिट व्हीकल्स (एसयूवी) वाहन महंगे हो जायेंगे. बैठक में इन वाहनों पर दो से सात फीसदी तक अतिरिक्त उपकर लगाने का फैसला लिया गया. हालांकि, छोटी और हाइब्रिड कारों को […]
हैदराबाद: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शनिवार यहां हुई बैठक में लिये गये फैसले के बाद मध्यम श्रेणी के साथ-साथ लग्जरी और स्पोर्ट्स यूटिलिट व्हीकल्स (एसयूवी) वाहन महंगे हो जायेंगे. बैठक में इन वाहनों पर दो से सात फीसदी तक अतिरिक्त उपकर लगाने का फैसला लिया गया. हालांकि, छोटी और हाइब्रिड कारों को इस वृद्धि से छूट दी गयी है. परिषद की बैठक में धूप बत्ती, प्लास्टिक रेनकोट, रबर बैंड, झाड़ू, इटली-डोसा बटर से लेकर रसोई में काम आने वाले गैस लाइटर जैसे दैनिक उपभोग की 30 वस्तुओं पर जीएसटी दर कम करने का भी फैसला किया गया. इन वस्तुओं की दरों में विसंगतियां सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने परिषद की यहां आठ घंटे चली बैठक के बाद कहा कि मध्यम श्रेणी की कारों पर दो फीसदी, बड़ी कारों पर पांच फीसदी और एसयूवी पर सात फीसदी अतिरिक्त उपकर लगाने का फैसला किया गया. इन वाहनों पर पहले लागू उपकर में दो से सात फीसदी तक उपकर और जुड़ जायेगा. इससे इन वाहनों पर कुल कराधान जीएसटी से पहले के स्तर तक पहुंच गया है. हालांकि, जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने हाइब्रिड कारों और 1200 सीसी तक की पेट्रोल-डीजल से चलने वाली छोटी कारों पर अतिरिक्त उपकर नहीं लगाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि अतिरिक्त उपकर लागू होने की तिथि बाद में अधिसूचित की जायेगी.
अधिक दर की वजह से उद्यमियों ने रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराने लगे थे…
कारोबारियों द्वारा अपने ब्रांड का पंजीकरण समाप्त कराने की समस्या पर भी बैठक में विचार किया गया. इसमें कहा गया कि 15 मई, 2017 को जो ब्रांड पंजीकृत होगा, उसपर जीएसटी लगाया जायेगा. फिर चाहे इस तिथि के बाद उस ब्रांड का पंजीकरण रद्द ही क्यों न करा दिया गया हो. बिना ब्रांड वाले खाद्य उत्पादों को जीएसटी के तहत छूट दी गयी थी, जबकि पैकिंग वाले ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगाया गया था. यही वजह है कि कई उद्यमियों ने जीएसटी से बचने के लिए अपने उत्पादों का ब्रांड पंजीकरण रद्द करवाना शुरू कर दिया.
इन वस्तुओं पर दरें की गयी हैं कम…
जेटली ने बताया कि सूखी इमली, खली, धूपबत्ती, प्लास्टिक से बने रेनकोट, रबर बैंड, किचन गैस लाइटर तथा ऐसे ही कुछ अन्य दैनिक उपभोग वाले 30 सामानों पर जीएसटी दर कम की गयी है. जेटली ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की छोटी कारें जीएसटी लागू होने के बाद तीन फीसदी सस्ती हुई हैं. इनके मामले में यथास्थिति रहेगी. ऐसे में उपभोक्ताओं को इनका लाभ मिलने मिलता रहेगा, लेकिन मध्यम श्रेणी की कारों पर कुल कर का बोझ 48 से घटकर 43 फीसदी रह गया था, जिसे शनिवार को परिषद ने दो फीसदी बढ़ाकर 45 कर दिया. बड़ी कारों पर आठ फीसदी का फायदा हो रहा था, उन पर वापस पांच फीसदी उपकर बढ़ा दिया गया है. इसी प्रकार एसयूवी वाहनों पर 11 फीसदी तक कर में फायदा हो गया था. परिषद ने इसमें सात फीसदी की ही वृद्धि की है. हमारे पास अतिरिक्त उपकर 10 फीसदी तक बढ़ाने की गुंजाइश थी, लेकिन हमने इसे सात फीसदी ही बढ़ाया. उन्होंने कहा कि 10 से लेकर 13 लोगों के बैठने की क्षमता वाले वाहनों पर और हाइब्रिड कारों पर उपकर में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
जीएसटीआर-1 दाखिल करने की तिथि बढ़ी
जीएसटी परिषद की 21वीं बैठक में जुलाई माह की बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समय सीमा भी एक माह बढ़ाकर 10 अक्तूबर कर दिया गया. देश में जीएसटी व्यवस्था 01 जुलाई से लागू हुई है. इस लिहाज से पहली बार रिटर्न दाखिल की जा रही है. बैठक में अन्य रिटर्न भरने की तिथि को भी आगे बढ़ाया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक जीएसटी के तहत संग्रहण काफी बेहतर रहा है. पात्र करदाताओं में से 70 फीसदी से अधिक ने 95 हजार करोड़ रुपये की रिटर्न दाखिल की है. जीएसटी लागू होने के बाद कुछ मौकों पर जीएसटी नेटवर्क समस्या खड़ी हुई है. कई कारोबारियों की शिकायत आयी है कि उन्हें रिटर्न भरने में काफी समय लग रहा है. परिषद ने बैठक में इस मुद्दे पर विचार करते हुए समिति बनाने का फैसला किया, जो जीएसटीन के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी.
रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराने वालों के लिए कट ऑफ डेट तय
ऐसे कारोबारी जिन्होंने जीएसटी से बचने के लिए अपने ब्रांड का पंजीकरण समाप्त कर दिया है. ऐसे मामले में समिति ने फैसला लिया है कि इसके लिए 15 मई, 2017 को कट ऑफ तिथि तय की गयी है. जो भी ब्रांड इस तिथि को पंजीकृत होगा, उस पर जीएसटी लगाया जायेगा. जीएसटी व्यवस्था में ब्रांड वाले खाद्य पदार्थ पर पांच फीसदी जीएसटी लगाया गया है, जबकि बिना ब्रांड वाले खुले खाद्य पदार्थ पर शून्य जीएसटी रखा गया है. ऐसे में कई व्यापारियों ने जीएसटी से बचने के लिए अपने ब्रांड का पंजीकरण समाप्त करना शुरू कर दिया था.
खुले में बिकने वाली चीजों पर नहीं लगेगी जीएसटी
जेटली ने कहा कि खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थ पर जीएसटी नहीं लगेगा, जबकि ब्रांड नाम के तहत बिकने वाले खाद्य पदार्थ पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लागू होगा. उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग आयोग के स्टोर से बिकने वाले खादी के कपड़ा को जीएसटी से छूट होगी. उन्होंने कहा कि कारीगर सहित अंतरराज्यीय बिक्री कारोबार 20 लाख रुपये से कम होने पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी. इसके अलावा ‘जॉब वर्क ‘ की कुछ श्रेणियों को भी इस तह की छूट दी गयी है. इसमें सोने को शामिल नहीं किया गया है.
जीएसटीआर भरने के लिए बढ़ायी गयी समयसीमा
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि जीएसटीआर1,2,3 भरने के मामले में काफी समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को जीएसटीआर-1 भरने की अंतिम तिथि तीन अक्तूबर होगी, जबकि अन्य कंपनियों के लिए अंतिम तिथि 10 अक्तूबर होगी. जुलाई महीने के लिए जीएसटीआर-2 को 31 अक्तूबर तक तथा जीएसटीआर-3 को 10 नवंबर तक दाखिल किया जा सकेगा. जेटली ने कहा कि कारोबारी कंपोजीशन योजना को 30 सितंबर तक अपना सकते हैं.
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