आरटीआइ से खुलासा : मीनिमम राशि नहीं होने पर आपसे जुर्माना वसूल कर ऐसे एसबीआइ हो रहा मालामाल
नयी दिल्ली : देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आपसे जुर्माना वसूल कर मालामाल हो रहा है. आरटीआइ से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जारी वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी एक अप्रैल 2017 से 30 जून 2017 के बीच एसबीआइ ने बचत खाते में मीनिमम बैलेंस नहीं होने के आधार पर 235 […]
नयी दिल्ली : देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आपसे जुर्माना वसूल कर मालामाल हो रहा है. आरटीआइ से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जारी वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी एक अप्रैल 2017 से 30 जून 2017 के बीच एसबीआइ ने बचत खाते में मीनिमम बैलेंस नहीं होने के आधार पर 235 करोड़ रुपये वसूले. यह जानकारी मध्यप्रदेश के नीमच के आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआइ के जरिये जुटायी. मांगी गयी सूचना के आधार पर उन्हें एसबीआइ के सीपीआइओ ने यह जानकारी दी. मालूम हो कि इस वित्त वर्ष के शुरुआत से ही एसबीआइ ने यह प्रावधान किया है अगर आपके खाते में मीनिमम बैलेंस नहीं होगा तो आपसे जुर्माना वसूला जायेगा. शहरों के ग्रेड के हिसाब से इसे पांच हजार रुपये एवं तीन हजार रुपये रखा गया है.
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इस संबंध में खबर प्रकाशित करने वाले जनसत्ता अखबार से बातचीत में गौड़ ने कहा है किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीकी योजना के अनुरूप जीरो बैलेंस वाले जनधन खातों कोखोले जानेसेहोने वाले आर्थिक नुकसार की भरपाई इसकेजरियेबैंक कर रहा है. इसी तरह बैंक नेएटीएमचार्ज के रूप में भी खूबकमाई की. वर्ष 2016 में जुलाई से सितंबर के बीच एटीएम चार्ज के रूप में बैंक ने 285.74 करोड़ रुपये कमाया, जबकि अक्तूबर व दिसंबर 2016 के दौरान एटीएम चार्ज के रूप में बैंक ने 435 करोड़ रुपये वसूले.
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उल्लेखनीय है कि सरकारी बैंकों में ज्यादातर बचत खाते आमलोगों व नौकरीपेशा बैंक के होते हैं. वहीं, कारोबारी चालू बैंक खाते से अपना बिजनेस करते हैं. उनके पास लिक्विड मनी अच्छी मात्रा में होती है, इसलिए किसी भी तरह के खाते में उन्हें पैसे रखने में दिक्कत नहीं होती. बचत खाता वे ज्यादातर निजी बैंकों में रखते हैं, जहां अपेक्षाकृत अधिक ब्याज के ऑफर हैं.
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