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पेट्रोल पर चीन – पाकिस्तान से भी ज्यादा टैक्स वसूली कर रहा है भारत

नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जनता को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर से ऐसे वक्त में जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमतों में लागातार कमी हो रही है. भारत में तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है. मोदी सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2017 2:54 PM

नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जनता को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासतौर से ऐसे वक्त में जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल की कीमतों में लागातार कमी हो रही है. भारत में तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है. मोदी सरकार ने अपने आगमन के साथ तेल में सब्सिडी देना बंद कर दिया था. सरकार के इस फैसले का अर्थशास्त्रियों ने सराहना की थी. क्योंकि सब्सिडी का बोझ सरकार के खजाने पर पड़ रहा था. उस वक्त पेट्रोलियम की कीमत का निर्धारण 15 दिनों की समीक्षा की जाती थी. यह कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों को देखते हुए किया जाता था. लेकिन जैसे ही जीएसटी लागू हुआ पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें आसमान छूने लगी. अब हर दिन पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में फेरबदल हो रहा है.

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पाकिस्तान, चीन और बंगलादेश से ज्यादा है कीमत
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारत की स्थिति गरीब दक्षिण एशियाई देशों से भी बदतर साबित हुई है. बीबीसी के रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में पेट्रोल की कीमत 41.15 रुपये, पाकिस्तान 42.54 रुपये, श्रीलंका 53.72 रुपये, नेपाल 61.35 रुपये, भूटान 62.20 रुपये, चीन 64.42 रुपये, बांग्लादेश 69.46 रुपये है जबकि भारत में सबसे 70.43 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल बेची जा रही है.
क्यों तेजी से बढ़ रहा है कीमत
देशभर में एक जुलाई को जीएसटी लागू किया गया था. राज्य सरकारों के भारी विरोध के बाद जीएसटी में पेट्रोलियम प्रोडक्ट को शामिल नहीं किया गया था. गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों से भारी राजस्व की प्राप्ति होती है. इसलिए देश के अलग – अलग हिस्सों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग – अलग है. अब जब सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पेट्रोल – डीजल की कीमतों को लेकर भारी विरोध हो रहा है तो पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ही कुछ कर सकती है.

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