नयी दिल्ली : सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 21 हजार रुपये करने पर विचार कर रही है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जनवरी 2018 से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में इजाफा हो सकता है. वर्तमान में केंद्रीय कर्मियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये प्रतिमाह है. गौरतलब है कि कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि उनकी न्यूनतम बेसिक सैलरी 26 हजार रुपये करे. सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय की एनोमली कमेटी एवं कर्मचारी संगठनों के बीच हुई बैठक में न्यूनतम बेसिक सैलरी 21 हजार रुपये किये जाने पर सहमति बनी.
बैठक में सरकार ने कर्मचारी संगठनों की न्यूनतम सैलरी 26 हजार रुपयेकरने की मांग को यह कह कर खारिज कर दिया कि यह वेतन संशोधन के फार्मूला के अनुसार, 3.68 गुणा हो जायेगा, जिसे लागू करना संभव नहीं है. वहीं, संगठन की दलील थी कि 18 हजार रुपये बेसिक सैलरी पर्याप्त नहीं है. उनका कहना था कि इतना वेतन होने पर वो ज्यादा सैलरीवाली नौकरी ढूंढने की कोशिश करेंगे जो उनके काम को भी प्रभावित करेगा. बाद में वार्ता में न्यूनतम बेसिक सैलरी 21 हजार रुपये करने पर संगठन ने अपनी सहमति दे दी.
इससे पहले सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय कर्मियों का न्यूतनम वेतन सात हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये एवं अधिकतम वेतन 80 हजार रुपये से बढ़ा कर 2.25 लाख रुपये किया गया था. यह न्यूनतम सैलरी फिटमैंट फैक्टर के आधार पर लागू की गयी थी. जो समान रूप से सभी वर्ग के केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 2.57 गुणा है, लेकिन अब निचले स्तर के कर्मियों की सैलरी 21 हजार रुपये हो जाने पर यह 3.0 गुणा हो जायेगा. उल्लेखनीय है कि न्यूनतम बेसिक सैलरी पर कर्मचारी संगठनों की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने विसंगति समिति (एनोमली कमेटी) बनायी थी, ताकि उनके प्रतिनिधियों से वार्ता कर इसे सुलझाया जा सके.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.