नयी दिल्ली : दूरसंचार नियामक ट्राई ने इंटरक्नेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) को मंगलवार को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया. नियामक के इस कदम से कॉल दरें घटने की राह खुल सकती है. आईयूसी वह शुल्क होता है, जो कोई दूरसंचार कंपनी अपने नेटवर्क से दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर कॉल के लिए दूसरी कंपनी को देती है. ट्राई ने कहा है कि छह पैसे प्रति मिनट का नया कॉल टर्मिनेशन शुल्क एक अक्तूबर 2017 से प्रभावी होगा और एक जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जायेगा.
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नियामक ने अपने बयान में कहा है कि उसने यह फैसला भागीदारों से मिली राय के आधार पर किया है. उल्लेखनीय है कि आईयूसी को लेकर हाल ही में खासा विवाद रहा है. इसमें कटौती का ट्राई का आज का फैसला भारती एयरटेल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के रुख के विपरीत है, जो कि इसमें बढ़ोतरी की मांग कर रहीं थी.
भारती एयरटेल इस मुद्दे पर आईयूसी शुल्क को कम करने की मांग करने वाली रिलायंस जियो के साथ विवाद में भी फंसी है. एक अन्य कदम में नियामक ने दूरसंचार क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए एक परामर्श पत्र मंगलवार को जारी किया है. इस परिपत्र में समयबद्ध मंजूरियों, शुल्कों को युक्तिसंगत बनाये जाने व श्रेणीबद्ध जुर्माने का प्रस्ताव है.
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