रंगराजन की सरकार को सलाह : कैपिटल एक्सपेंडीचर बढ़ाने से इकोनॉमी ग्रोथ पकड़ेगी रफ्तार
नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने शुक्रवार को सलाह देते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज के साथ-साथ निजी निवेश को बढ़ावा देने की खातिर पूंजी व्यय (कैपिटल एक्सपेंडीचर) बढ़ाने पर गंभीरता से गौर करना चाहिए. उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजी […]
नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने शुक्रवार को सलाह देते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज के साथ-साथ निजी निवेश को बढ़ावा देने की खातिर पूंजी व्यय (कैपिटल एक्सपेंडीचर) बढ़ाने पर गंभीरता से गौर करना चाहिए. उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने की भी वकालत की, ताकि वे निजी क्षेत्र को और वित्त पोषण उपलब्ध करा सके.
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उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में अलग से बातचीत में रंगराजन ने कहा कि देश को चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी वृद्धि दर हासिल करने के लिए बाकी बची तीन तिमाहियों में कम-से-कम 7.0 फीसदी वृद्धि की जरूरत होगी. नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक अगर पर्याप्त तैयारी करता, तो उन समस्याओं को कम किया जा सकता था, जो लोगों को बड़ी राशि के नोटों को चलन से हटाने के कारण झेलनी पड़ी. रंगराजन ने कहा कि मेरे हिसाब से ऐसा लगता है कि वृद्धि नीचे से अब ऊपर आ गयी है और अब इसमें मजबूती आयेगी.
रंगराजन ने कहा कि यह सब तक हो सकेगा, जब चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी वृद्धि हासिल करने को लेकर देश को अगली तीन तिमाहियों में 7.0 फीसदी वृद्धि की जरूरत होगी. प्रोत्साहन पैकेज के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें निजी निवेश बढ़ाने के लक्ष्य के साथ सार्वजनिक व्यय बढ़ाने पर जोर होना चाहिए.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा है कि सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए अतिरिक्त उपायों पर काम कर रही है. रंगराजन ने अर्थव्यवस्था में नरमी के पीछे जीएसटी और नोटबंदी जैसे अस्थायी कारणों को जिम्मेदार बताया.
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